अतिक्रमण जैसी गतिविधियों को मंजूरी देकर लोगों के जीने के अधिकार को जोखिम में नहीं डाला जा सकता क्योंकि इससे साफ सफाई व मच्छरों जैसी दिक्कतें पैदा होंगी।
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लेकर मोदी सरकार को नसीहत दी है। स्वामी ने इसकी तुलना वॉटरलू के युद्ध से की है। उन्होंने मोदी सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अभी के आर्थिक हालात को देखते हुए जीएसटी लागू करना खतरनाक साबित हो सकता है।
आगरा में एक मां ने अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। मां ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी चिट्ठी पोस्ट की है, जिसमें उसने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी किडनी को बेचने के लिए तैयार है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का मानना है कि मोदी सरकार ने तीन साल में देश को आर्थिक स्थिरता प्रदान की है और सुधारों की दिशा में बड़े कदम बढ़ाए हैं। सार्वजनिक संसाधनों के आवंटन में भ्रष्टाचार पर अंकुश और जैम व्यवस्था को वे मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियां मानते हैं। लेकिन यह भी स्वीकार करते हैं कि तेज आर्थिक वृद्धि दर के बावजूद रोजगार के मौकों की रफ्तार धीमी है। उन्होंने अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और केंद्र सरकार के तीन साल के कामकाज से जुड़े कई अहम मु्द्दों पर आउटलुक के संपादक हरवीर सिंह से बेबाक बातचीत की। कुछ अंश:
प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान का कहना है कि यह दुखद है कि शिक्षा लोगों को एक दूसरे के प्रति हमदर्द बनाने में नाकाम रही और दुर्भाग्य से कुछ लोग आज के दौर में भी मंदिर और मस्जिद बनाने के बारे में बात करते हैं।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि वह अभी शत-प्रतिशत फिटनेस हासिल करने के करीब नहीं पहुंचे हैं और आस्ट्रेलिया के खिलाफ शनिवार से शुरू होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में क्षेत्ररक्षण करते समय उनके कंधे की चोट बढ़ सकती है।
इस्लामी शिक्षा के बड़े संस्थान में उर्दू-अरबी और फारसी की पुरानी रचनाओं का होना कोई बडी बात नहीं। लेकिन इस्लाम से संबंधित पुस्तकों के जखीरे में संस्कृत में रचित ऋगवेद से लेकर रामायण व भगवत गीता को करीने से संजोकर रखा जाए तो यह काफी रोचक बात है। देवबंद के मशहूर इस्लामी शिक्षा केन्द्र दारूल उलूम में ये प्राचीन हिन्दू धार्मिक ग्रंथ कुरान समेत मजहबी इस्लामी शिक्षा से जुड़ी पुस्तकों के साथ प्रमुखता से उसके पुस्तक खजाने का हिस्सा हैं।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों की किशोर छात्राओं को मासिक धर्म पर शिक्षित करने के उद्देश्य से एक एनजीओ स्कूलों में पीरियड टॉक आयोजित करने जा रहा है, जिसमें छात्राओं को मासिक धर्म से संबंधित बराबर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दिये जायेंगे।
प्यू रिसर्च सेंटर के ताजा सर्वे में कहा गया है कि दुनिया के बड़े धार्मिक समुदायों में से हिंदुओं की शिक्षा हासिल करने का स्तर सबसे कम है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार हाल के दशक में काफी शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल करने के बावजूद हिंदू सबसे कम पढ़े-लिखे हैं।