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मौत के दस साल बाद भी नहीं बना संग्रहालय, बिस्मिल्लाह खान की 5 शहनाइयां हुईं चोरी

मौत के दस साल बाद भी नहीं बना संग्रहालय, बिस्मिल्लाह खान की 5 शहनाइयां हुईं चोरी

भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान की यादगार धरोहरों में शुमार पांच शहनाइयां वाराणसी स्थित उनके बेटे के घर से चोरी हो गई है जिनमें से एक उनकी पसंदीदा शहनाई थी जो वह मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे।
पीजे शायरी के ‘दंगल’ में आमिर

पीजे शायरी के ‘दंगल’ में आमिर

आमिर खान हमेशा ही कुछ नया करने में विश्वास करते हैं। बॉलीवुड उनकी इसी आदत के चलते मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहता है। इसी महीने के आखरी में 30 तारीख को उनकी फिल्म रीलिज होने वाली है और वह अनोखे ढंग से इसके प्रचार में उतर गए हैं।
आमिर को उम्मीद नोटबंदी से नहीं प्रभावित होगी दंगल

आमिर को उम्मीद नोटबंदी से नहीं प्रभावित होगी दंगल

अभिनेता आमिर खान को उम्मीद है कि उनकी आगामी फिल्म दंगल सरकार के नोटबंदी के फैसले से प्रभावित नहीं होगी। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद रीलीज हुई कई हिंदी फिल्मों के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है।
देश में फिल्मकारों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है: प्रकाश झा

देश में फिल्मकारों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है: प्रकाश झा

अहम सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्म बनाने वाले निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि इस देश में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म बनाना असंभव है, क्योंकि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।
मैं फिल्म की कहानी से नहीं बल्कि सीधा लोगों से जुड़ता हूं: शाहरख

मैं फिल्म की कहानी से नहीं बल्कि सीधा लोगों से जुड़ता हूं: शाहरख

फिल्म इंडस्ट्री में अपने 25 साल के शानदार सफर के बीच शाहरख खान के लिए अपनी फिल्मों के चयन की प्रक्रिया काफी जटिल रही है लेकिन इस सुपरस्टार का कहना है कि उन्होंने फिल्म बनाने के लिए हमेशा फिल्म निर्माता-निर्देशकों से संपर्क साधा है।
स्माइल अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव का 5 दिसंबर से दिल्ली में होगा आगाज

स्माइल अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव का 5 दिसंबर से दिल्ली में होगा आगाज

स्माइल अंतरराष्ट्रीय बाल एवं युवा फिल्म महोत्सव (सिफ्फकी) अपने दूसरे संस्करण में इस साल दिसंबर में 100 से ज्यादा फिल्मों के साथ एक बार फिर राजधानी दिल्ली में धूम मचाने को तैयार है। सप्ताह भर चलने वाले इस फिल्मोत्सव की शुरआत पांच दिसंबर से सिरी फोर्ट सभागार में होगी।
'औरतों के जीवन के खुलेपन की कहानी'

'औरतों के जीवन के खुलेपन की कहानी'

साहित्य अकादेमी, दिल्ली के प्रवासी मंच कार्यक्रम में अरुणा सब्बरवाल ने अपनी कहानी उडारी का पाठ किया। चर्चा में वक्ताओं की आम राय थी कि यह औरतों के जीवन में आए खुलेपन ‌की कहानी है। ज्यादातर पसंद आई कहानी पर यह भी कहा गया कि लंदन में विवाहेतर और अकेली महिलाओं के संबंधों को जो पारिवारिक-सामाजिक मान्यता है, वह दिन भारत के लिए अभी दूर है।
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