धर्मनिरपेक्षता की धारणा पर कुछ हद तक सवाल खड़े करते हुए संविधान दिवस (26 नवंबर 2015) के आयोजन ने इस बहस को एक बार फिर से खड़ा कर दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उस दलील को दोहराया जिसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार अर्से से उठाता रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द की विकृत परिभाषा का उपयोग समाज में तनाव उत्पन्न कर रहा है।
केंद्र की मोदी सरकार अगर कारोबार को बढ़ावा देने के नाम पर श्रम कानूनों में बदलाव के अपने एजेंडे पर अड़ी रहती है तो देश की मजदूर यूनियनें इसके खिलाफ हड़ताल पर जाने से नहीं हिचकेंगी। इसमें भाजपा से जुड़ी श्रमिक यूनियनें भी शामिल होंगी। इस बारे में कोई भी फैसला 26 मई को लिए जाने की उम्मीद है।