कांस्य पदक के साथ रियो ओलंपिक में भारत के पदक का सूखा खत्म करने वाली भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि यह उनके 12 सालों की कड़ी मेहनत का नतीजा है।
कानपुर में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बैठक में हर दिन अलग-अलग मुद्दों पर चिंतन हो रहा है। उत्तर प्रदेश चुनाव के अलावा कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर संघ काम कर रहा है।
अगला जूनियर हॉकी विश्व कप इस साल आठ से 18 दिसंबर तक लखनऊ में खेला जायेगा। इसमें 16 टीमें भाग लेंगी जिनमें गत चैम्पियन जर्मनी, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, मिस्र, इंग्लैंड, भारत, जापान, कोरिया, नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और स्पेन शामिल हैं।
राजनीति में चेहरे बदल जाते हैं, चरित्र नहीं बदल पा रहा है। इस बार राज्य सभा चुनाव के लिए प्रदेशों से विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा चुने गए कुछ विवादास्पद उम्मीदवारों से यही साबित हो रहा है। विशेष रूप से राजनीति में सबसे हटकर ‘चाल-चरित्र’ का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम करने वालों को तकलीफ हो सकती है।
उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग ने अपनी 29 साल की बहन के लिए स्वयंबर रचाया है। इस तरह बहन की शादी के लिए भी उन्होंने अपना तानशाही रवैया अपनाया है। किमजोंग ने दूल्हा तलाशने के लिए डेटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया है। जहां स्वयं की शर्तों पर वर की तलाश करने का आदेश दिया गया है।
लगता है गाय को लेकर भारतीय जनता पार्टी कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गई है। भारतीय नस्ल की गाय के संरक्षण और संवर्धन के लिए हरियाणा सरकार महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इस कार्यक्रम के तहत भारत की परंपरागत देसी नस्लों की गाय को प्रोत्साहन देने के लिए हरियाणा के रोहतक में देसी गौवंश सौंदर्य प्रतियोगिता शुरू हो चुकी है। दो दिन चलने वाली इस प्रतियोगिता के दूसरे दिन यानि शनिवार सात मई को फैशन शो की तर्ज पर देसी गाय रैंप पर होंगी।
पीकू और लंच बॉक्स जैसी फिल्मों में दो बिलकुल विपरीत भूमिका कर चुके इरफान के नए प्रशंसकों में बांग्लादेश के नामी निर्देशक मुस्तफा सरवर फारूकी का नाम भी जुड़ गया है। इस फिल्म के आने से यह भी साबित होगा कि बांग्लादेश में बॉलीवुड या इसके कलाकारों का विरोध नहीं होता है।
लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र ने शिक्षक द्वारा रिश्वत लेने के दबाव से तंग आकर आत्महत्या कर ली। छात्र को कक्षा में उपस्थिति के रिकॉर्ड के आधार पर परीक्षा प्रवेश पत्र मिलने से शिक्षक रोक रहा था। छात्र ने एक बार 20 हजार रुपया दे भी दिया और घूसखोर शिक्षक ने ज्यादा रकम मांगी। ऐसी मानसिक प्रताड़ना संपूर्ण शिक्षा-व्यवस्था और शासकीय तंत्र के लिए शर्मनाक है।
‘किनारे की चट्टान’ काव्य संग्रह के लेखक के अनुसार कविता लिखना जटिल प्रक्रिया है। सच कहूं तो मुझे कविता की सारी टेक्निकल डिटेल का आज भी कोई खास पता नहीं है। बस, मन को जो चीज कचोटती है उसे पन्नों पर उतार लेता हूं और कविता बनने या न बनने का निर्णय पाठकों पर छोड़ देता हूं।’ ये बातें काव्य संग्रह ‘किनारे की चट्टान’ के लेखक पवन चौहान ने अपने काव्य संग्रह में कही हैं।
संस्कृत में एमए के बाद बीएड। साहित्यिक अभिरुचियों के चलते कहानी लेखन की ओर झुकाव। पहली कहानी हंस में प्रकाशित। इसके बाद विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां और लेख प्रकाशित। कृष्ण बिहारी के संपादन में आबूधाबी से निकलने वाली पहली हिंदी पत्रिका निकट में कार्यकारी संपादक। लखनऊ में निवास।