आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
सीपीआई नेता बृंदा करात ने आर्मी चीफ को नियंत्रण में रहने की सलाह देते हुए कहा है कि भारत के आर्मी चीफ को इस तरह की बयानबाजी शोभा नहीं देती, उन्हें इससे बचना चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व एमपी और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को सड़क का गुंड़ा कह डाला। इसके बाद जहां कांग्रेस ने उनके बयान से किनारा कर लिया वहीं बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की है।
दिल्ली एमसीडी चुनाव एवं विधान सभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद फिर से पार्टी के भीतर विचार-विमर्श को दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित ने राहुल गांधी को कुछ सलाह दी हैं।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समान विचारधारा वाली सपा जैसी पार्टियों के साथ चुनाव से पहले गठबंधन किए जाने की संभावना से आज इनकार नहीं किया। वहीं, इसकी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने युवा अखिलेश यादव के पक्ष में इस मुकाबले से हटने की पेशकश की है।
पार्टी के रूख का अनुसरण करते हुए शीला दीक्षित ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाया और इस बात पर हैरत जतायी कि वह रिश्वत दिए जाने से संबंधित सहारा बिड़ला दस्तावेजों की स्वतन्त्र जांच से झिझक क्यों रहे हैं। इससे पहले दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया था जिससे उन्होंने अपनी पार्टी को बचाव मुद्रा में ला दिया था।
राहुल गांधी द्वारा सहारा डायरियों को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधे जाने के बीच आज एक विवाद शुरू हो गया जब कांग्रेस ने इससे जुड़ी एक सूची ट्विटर पर जारी कर दी जिसमें कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का भी नाम कथित तौर पर शामिल है। इसके बाद शीला दीक्षित ने उन दस्तावेजों को तवज्जो नहीं दी।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं की बदजुबानी जारी है। ताजा माले में पूर्व बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रदेश में कांग्रेस की मुख्यमंत्री उम्मीदवार शीला दीक्षित को दिल्ली का रिजेक्टेड माल बताया है।
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों को कांग्रेस ने अपनी तरफ से भी बहुत रोचक बना दिया है। अपनी रिवायत तोड़ते हुए उन्होंने दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। उत्तर प्रदेश की बहू के रूप में शीला दीक्षित को पेश करके कांग्रेस ने एक साथ कई कार्ड खेलने की कोशिश कर रही है-ब्राहमण कार्ड, महिला कार्ड, सुशासन कार्ड और वरिष्ठता कार्ड।