लंबा वक्त बीत गया है जब रंगकर्मी और गुजराती फिल्मों का जाना-पहचाना नाम स्वरूप संपत परदे पर आई थीं। यह जो है धारावाहिक की संपत लंबे अर्से बाद हिंदी फिल्मी परदे पर नजर आएंगी।
लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष बहुत आक्रामक मुद्रा में नजर में आए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदीजी प्रधानमंत्री का मतलब पूरा देश न समझें। मोदी सरकार की योजनाओं की धज्जियां उड़ाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने काला धन योजना को फेयर एंड लवली योजना तक करार दे दिया।
राजनेता हों या अधिकारी, कारपोरेट किंग पूंजीपति या मजदूर – अदालत और अस्पताल पहंुचते ही कांपने लगते हैं। अपराध छोटा हो या बड़ा – कानून का शिकंजा खतरनाक साबित हो सकता है। इसी तरह हाथ या पैर की ऊंगली का नाखून ही निकला हो अथवा हृदय रोग – सर्जन के चमकते चाकू से निकलने वाला नतीजा जिंदगी दे या ले सकता है।
‘शाश्वत विकास से हरियाली, स्वच्छ वातावरण, सभी के लिए समृद्धि, युद्ध के भयरहित शांति और विश्व में सभी देशों में सभी नागरिकों के लिए खुशनुमा स्थान को प्राप्त करने का सामर्थ्य मिलता है।’ स्वर्गीय डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के यही वे आखिरी शब्द हैं जो उन्होंने 17 जुलाई 2015 को शिलांग के एक व्याख्यान में कहे थे।
लोकतंत्र में असहमति् और प्रतिपक्ष अपरिहार्य है। भारी बहुमत के बावजूद सत्तारूढ़ पक्ष को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मंत्री या अधिकारी निरंकुश न हो जाएं। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र से पहले प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ्ा बैठक की सही पहल की है।
दिल्ली का इंडिया हैबिटैट सेंटर में रोज की तरह गहमा गहमी है। यहीं के एक हॉल में बिहार के अलग-अलग जिले से कुछ बच्चे आए हुए हैं, जोश और आत्मविश्वास से भरे हुए। अपनी बात कहने के लिए तत्पर।