जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
अमरनाथ यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं पर हुए हमले के बाद इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। केन्द्र सरकार को इस मामले पर आड़े हाथों लिया जा रहा है। एक ओर जहां केन्द्र सरकार विपक्षी पार्टियों की आलोचनाओं का शिकार हो रही है, वहीं अब एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी केन्द्र पर सवाल उठाने खड़े कर दिए हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकता को मजबूत बनाए रखने में कुछ हद तक चूकी कांग्रेस अब फिर से विपक्षी दलों को एकजुट करने में लग गई है। अब विपक्षी दलों ने गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।
गौ-रक्षा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केवल बातों से काम नहीं चलेगा। हिंसा रोकने के लिए कुछ करना होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार से दो दिनों के गुजरात दौरे पर हैं जहां उन्होंने गौ-रक्षा के नाम पर हो रही हत्यों पर गहरी नाराजगी जतायी थी।