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पट्टा समाप्त होने के बाद भी किसान को नहीं किया जा सकता बेदखल : कोर्ट

पट्टा समाप्त होने के बाद भी किसान को नहीं किया जा सकता बेदखल : कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने अपनी व्यवस्था में कहा है कि पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद भी किसी किसान को उसके कब्जे वाली जमीन से बेदखल नहीं किया जा सकता, बशर्ते उस जमीन का मालिक उसकी काश्तकारी को मान्यता देता है या उससे पट्टे की राशि लेता है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश ठेंगे पर, भाजपा नेताओं ने मंदिर तोड़ने नहीं दिया

सुप्रीम कोर्ट का आदेश ठेंगे पर, भाजपा नेताओं ने मंदिर तोड़ने नहीं दिया

छत्‍तीसगढ़ में भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए मंदिर तोड़ने पहुंचे निगम के दस्‍ते को वापस भेज दिया। नेताओं के इस गैर जिम्‍मेदाराना व्‍यवहार के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा, शिवसेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन मंदिर को तोड़े जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करा पाने के लिए हमर संगवारी संस्था ने निगम प्रशासन को दोषी बताया है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) पर एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विधि आयोग से इस मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। सरकार के इस पहल को समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है जिससे देश का राजनीतिक तापमान बढ़ने की आशंका है।
सिर्फ ट्रांसजेंडर ही थर्ड जेंडर में शामिल, गे और बाइसेक्‍सुअल इससे बाहर : कोर्ट

सिर्फ ट्रांसजेंडर ही थर्ड जेंडर में शामिल, गे और बाइसेक्‍सुअल इससे बाहर : कोर्ट

सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि गे, लेस्बियन और बायसेक्सुअल को तीसरा जेंडर नहीं माना गया है। कोर्ट ने अप्रैल 2014 में थर्ड जेंडर को लेकर दिए अपने फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा कि सिर्फ ट्रांसजेंडर को ही तीसरे थर्ड जेंंडर के रूप में पहचान दी गई है।
देश में व्हाट्सएप पर नहीं लगेगा बैन, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया

देश में व्हाट्सएप पर नहीं लगेगा बैन, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया

सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल मैसेजिंग एप व्हाट्सएप, हाइक, स्नैपचैट और अन्‍य दूसरे ऐसे एप्स पर प्रतिबंध की मांग करने वाली याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया है।
तीन बार तलाक बोल कर संबंध तोड़ने को संविधान की कसौटी पर कसा जाए : न्‍यायालय

तीन बार तलाक बोल कर संबंध तोड़ने को संविधान की कसौटी पर कसा जाए : न्‍यायालय

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि मुस्लिम समुदाय में तीन बार तलाक बोल कर वैवाहिक संबंध तोड़ना एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है, जो लोगों के एक बड़े तबके को प्रभावित करता है। इसे संवैधानिक ढांचे की कसौटी पर कसे जाने की जरूरत है। न्यायालय ने पसर्नल लाॅ के मुद्दे की जांच करने पर सहमति जताते हुए यह विचार व्‍यक्‍त किए।
कई हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट से धारा 377 को रद्द करने की मांग की

कई हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट से धारा 377 को रद्द करने की मांग की

समलैंगिक (एलजीबीटी) समुदाय का हिस्सा होने का दावा करने वाली कुछ मशहूर हस्तियों ने उच्चतम न्यायालय का रूख कर आईपीसी की धारा 377 को रद्द करने की गुहार लगाई है। आईपीसी की धारा 377 के तहत देश में समलैंगिकता एक दंडनीय अपराध है। इस अर्जी पर कल सुनवाई होने की संभावना है।
क्‍या देश में व्‍हाटसएप पर प्रतिबंध लगेगा, 29 जून को फैसला

क्‍या देश में व्‍हाटसएप पर प्रतिबंध लगेगा, 29 जून को फैसला

देश की शीर्ष अदालत आगामी 29 जून को एक याचिका के आधार पर मैसेजिंग प्लेटफार्म व्‍हाटसएप पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर सुनवाई करेगा। याचिका में व्‍हाटसएप की इंड टू इंड एन्क्रिप्शन को देश के लिए खतरनाक बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि इंड टू इंड एन्क्रिप्‍शन सर्विस आतंकवादियों को एक ऐसा कम्युनिकेशन टूल देती है, जिसको रोकना असंभव है।
अभी नहीं आए हैं अच्छे दिन: पूर्व न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े

अभी नहीं आए हैं अच्छे दिन: पूर्व न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एन. संतोष हेगड़े का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी प्रयास किए हैं, लेकिन अच्छे दिन अभी नहीं आए हैं। न्यायमूर्ति को लगता है कि भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार को जनता को बताना चाहिए कि वे काला धन वापस लाने का चुनावी वादा पूरा करने में क्यों असमर्थ हैं।
शीर्ष अदालत बोली, मांं-बाप के हमलावरों पर बच्‍चों का बल प्रयोग हो सकता है कानूनी

शीर्ष अदालत बोली, मांं-बाप के हमलावरों पर बच्‍चों का बल प्रयोग हो सकता है कानूनी

उच्चतम न्यायालय ने माता-पिता को पीटने वाले पड़ोसियों पर हमला करने के आरोपी दो भाइयों को बरी करते हुए कहा कि अगर बच्चे अपने माता-पिता पर हमला होते हुए देखते हैं तो बल का प्रयोग कानूनी हो सकता है।