मद्रास उच्च न्यायालय ने खुद को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का गोपनीय बेटा बताने वाले को फटकार लगाते हुए उसके द्वारा जमा कराये गये दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर सवाल उठाये।
उच्चतम न्यायालय ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर के शपथग्रहण पर मंगलवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया और 16 मार्च को सदन में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने आज कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है और साथ ही 10 हजार रुपये का पर्सनल बॉन्ड भी भरने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता की पुलिस को ऑर्डर दिया है कि वे कर्णन को 31 मार्च से पहले पेश करें।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए घोटाले में मीडिया की भूमिका को लेकर जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
दक्षिण कोरिया की शीर्ष अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे के खिलाफ संसद में महाभियोग को बरकरार रखते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया।
दक्षिण कोरिया की संवैधानिक अदालत ने आज एक ऐतिहासिक और सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के तहत राष्ट्रपति पार्क ग्यू हे को उनके पद से बर्खास्त कर दिया। अदालत के आदेश के बाद पार्क के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में दो लोगों की मौत भी हो गई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ वित्तमंत्री अरूण जेटली की ओर से दायर मानहानि के मामले की दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई मंगलवार को भी जारी रही। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने लगातार दूसरे दिन जेटली से जिरह की।
बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 नेताओं पर फिर से आपराधिक साजिश का मामला चल सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने ये संकेत देते हुए कहा है कि महज तकनीकी आधार पर इन्हें इस मामले में राहत नहीं दी जा सकती।
सोलह साल की वह लड़की लगातार डर के साये में जी रही है जिसके साथ उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके साथियों ने कथित रूप से दुष्कर्म की कोशिश की थी और जिसकी मां के साथ कथित रूप से कई बार सामूहिक दुष्कर्म के आरोप इन लोगों पर हैं।
लोकसभा चुनाव में हारने के बाद राज्यसभा के रास्ते सांसद बनने पर रोक लगाने संबंधित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सवालिया निशान उठाए हैं। न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और विनोद गोयल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि कानून बनाना और उसमें बदलाव करना न्यायपालिका का काम नहीं है, इसके लिए सरकार को चुना जाता है। न्यायपालिका केवल इस बात की समीक्षा कर सकती है कि यह कानून देश के बुनियादी ढांचे व संविधान के अनुरूप बनाए गए हैं या नहीं।