भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने से दो और तीन दिसंबर 1984 के बीच की रात को जहरीली गैस रिसने से करीब 15,000 लोगों की मौत हो गयी थी और लाखों लोग प्रभावित हुए थे।
सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय रहने वाली भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पास एक बार फिर किसी ने मदद के लिए गुहार लगाई है। इस बार तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के एक परिवार ने मदद मांगी है।
बुधवार और शुक्रवार के बीच चीन के विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, भारत में चीनी दूतावास और पीपल्स डेली द्वारा जारी किए गए बयानों के आधार पर चीन के विशेषज्ञों का ऐसा कहना है।
चीन से विवाद पर सुषमा स्वराज ने कहा कि सभी को धीरज और संयम बनाए रखना होता है। युद्ध से समाधान नहीं निकलता। सेना को तैयार रखना होता है। धैर्य, भाषा संयम और रणनीतिक रास्तों से हल निकालने की कोशिश की जा रही है।
स्वराज इंडिया का कहना है कि समय-समय पर डूबने की स्थिति से प्रभावित लोगों को विस्थापितों की सूची से बाहर करते हुए सरकार के आंकड़े बदलते गए। यदि उन आंकड़ों को भी देखें तो उसके अनुसार भी हजारों पात्र परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है।