केंद्र सरकार ने सर्कुलर निकाल कर जिस तरह से पत्रकारों को सरकारी अधिकारियों से सीधे मिलने में रोक लगाई है, उस पर प्रेस परिषद से बकायदा पत्र लिख, अपनी चिंता का इजहार किया है
काबुल में गुरुवार और शुक्रवार की रातों में दो अलग-अलग आत्मघाती हमलों में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए। तालिबान नेता मुल्ला उमर की मौत की घोषणा के बाद अफगानिस्तान की राजधानी में यह सबसे बड़ा हमला है।
लगातार चल रही गोलियों के बीच दो बंधकों ने गजब का साहस दिखाते हुए आज खुद को बंधक बनाने वाले एक संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी को काफी संघर्ष के बाद जिंदा पकड़ लिया। इस आतंकी की गिरफ्तारी से कई अहम सूचनाएं मिल सकती हैं।
भारतीय मूल की एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा है कि अमेरिका 2008 में मुंबई में हुए हमलों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, फिर भले ही यह काम कितना भी दुष्कर क्यों न हो।
25 साल बाद पंजाब का अमन भंग कर गुरदासपुर में खेला गया आतंक का खेल बताता है कि सब कुछ सामान्य नहीं है। जम्मू-कश्मीर की सीमा पार कर दहशतगर्दों ने यह संदेश दिया कि वे जम्मू-कश्मीर के अलावा और भी कहीं हिंसा को अंजाम दे सकते हैं। गुरदासपुर हमले में एक पुलिस अधीक्षक सहित सात लोगों की हत्या कर दहशतगर्दों ने एक दफा फिर पंजाब को खौफजदा कर दिया है।
आज सुबह पंजाब के गुरदासपुर में आतंकी हमला शुरू होते ही ट्विटर पर खालिस्तान ट्रेंड करने लगा। हालांकि, अभी तक हमलावर आतंकियों की पहचान सार्वजनिक नहीं हुई है लेकिन पंजाब में आतंक की वापसी को खालिस्तान की दस्तक के तौर पर देखा जा रहा है। इंटेलिजेंस एजेंसियों के आगाह करने के बावजूद पंजाब सरकार पंजाब में आतंकी हमला रोक पाने में असमर्थ रही। बीते वर्षों में एक नहीं बल्कि कई ऐसी घटनाएं हुईं जो बता रही थीं कि पंजाब की शांति भंग हो सकती है। आउटलुक ने इसके बारे में पिछले माह जून की शुरुआत में ही आगाह कर दिया था।
मिस्र में अशांत सिनाई प्रायद्वीप में आईएस के हथियारबंद आतंकवादियों ने बुधवार को विभिन्न सैन्य चौकियों पर तीन आत्मघाती बम हमलों समेत एक साथ कई हमले किए जिनमें मिस्र के कम से कम 60 जवान मारे गए। यह इलाके में अब तक हुए सबसे बड़े हमलों में से एक है।
पिछले दिनों मणिपुर में भारतीय सेना के 18 जवानों को मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों को भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में घुसकर मार डाला। यह कार्रवाई म्यांमार की सेना के सहयोग से चलाई गई।
केंद्र सरकार ने गुजरात के चर्चित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व अधिकारी राजेंद्र कुमार और उनके तीन सहयोगियों पर मुकदमा चलाने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की मांग को मानने से इंकार कर दिया है। इससे मामले की जांच पर ब्रेक लग सकता है।