देश के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि न्यायिक नैतिकता के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असामान्य घटनाओं से पूरी न्याय प्रणाली की छवि खराब हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें उनकी सत्यनिष्ठा के बारे में लोगों की धारणा के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए।
रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ताजा हमले में अमेरिका के न्याय विभाग पर निशाना साधा है। ट्रंप ने विभाग पर अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को ईमेल विवाद में बचाने की कोशिश का आरोप लगाया है।
हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट आमने-सामने आ गए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। उच्चतम न्यायालय ने कोलेजियम की सिफारिशों के बावजूद उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं किये जाने पर शुक्रवार को नाराजगी व्यक्त करते हुये सरकार से कहा कि आप :न्यायपालिका के: पूरे संस्थान को काम करने से पूरी तरह से नहीं रोक सकते।
केरल की एलडीएफ सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति में भाई-भतीजावाद को रोकने के लिए एक कानून लाने का निर्णय लिया है। औद्योगिक विभाग के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कुछ नियुक्तियों को लेकर हुए विवाद के चलते यह निर्णय लिया गया है।
सीबीआई ने इस साल फरवरी में रोहतक में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा एवं आगजनी की घटनाओं की जांच के लिए आज तीन मामले दर्ज किए। इनमें हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर जलाए जाने की घटना से संबंधित मामला भी शामिल है।
दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे के 59 पीड़ितों में से दो के माता-पिता ने इस सदमे तथा न्याय के लिए अपनी लंबी लड़ाई पर एक किताब लिखी है। ट्रायल बाय फायर का प्रकाशन पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया ने किया है।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
देश में क्रिकेट के सुधार के लिए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के निर्देशों को लागू करने में बागी तेवर अपनाने और राज्य संगठनों को जल्दबाजी में करीब 400 करोड़ रूपये बांटने को लेकर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आज उच्चतम न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
राज्य संघों को मोटी रकम आवंटित करने समेत कई अहम मसलों पर बीसीसीआई द्वारा लोगों को गुमराह करने पर कड़ा एतराज जताते हुए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आर एम लोढा समिति ने आज कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके निर्देशों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।