मोदी सरकार का आम बजट अब 1 फरवरी को ही आएगा। चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को बजट पेश करने की मंजूरी दे दी, लेकिन इसके साथ ही उसने शर्त रखी है कि इसमें पांच चुनावी राज्यों से जुड़ी किसी योजना का ऐलान नहीं किया जा सकता और न ही इन राज्यों में सरकार की उप्लब्धियों का बखान होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संबोधित की गई एक जनसभा के दौरान सत्ताधारी भाजपा और शिवसेना के रिश्तों की दरारें उस वक्त सामने आ गईं जब दर्शकों में शामिल संभवत: कुछ भाजपा समर्थकों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का भाषण कुछ देर के लिए बाधित कर दिया।
केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की प्रमुख सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर पार्टी पर निशाना साध दिया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए इस बात के संकेत दिए कि मुंबई महानगर पालिका के चुनावों में पार्टी अकेले उतर सकती है।
नोटबंदी को लेकर केंद्र पर कई बार निशाना साधने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज इस कदम को आम आदमी से लूट बताया और भाजपा से पूर्व प्रधानमंत्राी मनमोहन सिंह की बात को गंभीरता से लेने को कहा क्योंकि वह जाने माने अर्थशास्त्री हैं।
नोटबंदी के फैसले से आम लोगों को हो रही परेशानी को लेकर भाजपा को जहां अपनी ही सहयोगी शिवसेना के हमलों का सामना करना पड़ रहा है वहीं अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी मोदी सरकार पर तंज कसा है।
लक्षित हमले (सर्जिकल स्टाइक) के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि भारत के पास इस तरह के और हमले करने की क्षमता है और उसे पाक अधिकृत कश्मीर पर फिर से नियंत्रण करना चाहिए। साथ ही शिवसेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बयान की आलोचना की जिन्होंने लक्षित हमले का श्रेय आरएसएस की शिक्षाओं को दिया था।
शिवसेना ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर भाजपा शिवसेना को कमजाेर करने की कोशिश करेगी तो उससे समर्थन वापस ले लिया जाएगा। पार्टी के मुखपत्र सामना को दिए साक्षात्कार में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना भाजपा के साथ पिछले 25 साल के गठबंधन में सड़ गई है।
भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि उसके वरिष्ठ सहयोगी दल की राजनीति झूठ और अफवाहें फैलाने की है। साथ ही शिवसेना ने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक सच बोलने वालों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
अगले साल निर्धारित मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना नेतृत्व को गलत ढंग से पेश करती सोशल मीडिया पोस्टों के वायरल होने से भाजपा और शिवसेना के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि सोशल मीडिया पर ये पोस्ट भाजपा के खिलाफ शिवसेना की टीका-टिप्पणियों के जवाब में डाली गई हैं।