मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने जन्मदिन पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की तस्वीर वाला केक काटकर विवाद को अंजाम दे दिया है।
अगले साल निर्धारित मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना नेतृत्व को गलत ढंग से पेश करती सोशल मीडिया पोस्टों के वायरल होने से भाजपा और शिवसेना के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि सोशल मीडिया पर ये पोस्ट भाजपा के खिलाफ शिवसेना की टीका-टिप्पणियों के जवाब में डाली गई हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर मुंबई में उपद्रव करने का इरादा जताया है। अपने मराठी एजेंडे पर आगे बढ़ने की मंशा से उन्होंने मनसे कार्यकर्ताओं से सड़कों पर उतरने और ऑटोरिक्शा जलाने का आह्वान किया है।
तो क्या इसे यह समझा जाए कि राज ठाकरे ने शाहरूख खान को परोक्ष रूप से समर्थन दे दिया है। राज ठाकरे ने ‘राज’ यानी शाहरूख खान की आने वाली फिल्म दिलवाले से खुद को अलग कर लिया है।
गुलाम अली के संगीत समारोह को जबरन रद्द कराए जाने के मुद्दे पर राजनीतिक एवं सांस्कृतिक जगत के निशाने पर आई शिवसेना ने कहा है कि सैनिक शहीद हो रहे हों और यहां आनंद उठाया जाता रहे यह नहीं होगा।
शिवसेना ने साफ कर दिया है कि कोल्हापुर निकाय चुनाव वह अपने दम पर लड़ेगी और भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी। इस फैसले ने साफ कर दिया है कि राज्य की राजनीति में 25 वर्ष तक साथ चले दोनों दलों के दिल एक दूसरे से भर चुके हैं और सिर्फ सियासी मजबूरी ने ही उन्हें राज्य सरकार में एक साथ बना रखा है।
1985 तक शिवसेना केवल मुंबई तक ही सीमित थी। महाराष्ट्र में इसके प्रसार का श्रेय छगन भुजबल को जाता है। शरद पवार 1986 में अपने कांग्रेस विरोधी समूह को सकते में छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। उस वजह से बने खाली स्थान को शिवसेना ने भरा। आज भी मुंबई की शिवसेना और बाकी महाराष्ट्र की शिवसेना में अंतर है।