देश बड़ा है या क्लब ? जो लोग लियोनेल मेसी के खेल में कोई कमी नहीं ढूंढ़ पाते, वे अंत में यही सवाल उछाल देते हैं। जैसा कि इन दिनों हो रहा है। आलोचक आंकड़ों के जरिये यह कुतर्क दे रहे हैं कि लियोनेल मेसी का दिल देश के लिए नहीं, क्लब के लिए धडक़ता है। क्लब के लिए वह जी-जान एक कर देते हैं लेकिन देश के लिए उनके मन में तरंगें तक नहीं उठतीं। और यह सब ऐसे खिलाड़ी के लिए कहा जा रहा है जो कई वर्षों से अर्जेंटीना की टीम की ताकत बना हुआ है। जिसके बूते अर्जेंटीना की टीम विश्वकप फाइनल खेलती है, लगातार दो बार कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंची है। कोई यह सवाल नहीं उठाता कि अर्जेंटीना तो फाइनल में पहुंचने लायक ही नहीं थी लेकिन इसके बावजूद मेसी उसे यहां तक ले आए। हां, फाइनल न जीत पाने का ठीकरा आलोचक जरूर उनके सिर पर फोड़ते रहे हैं। देश उनके लिए क्या है? यह उनका संन्यास का फैसला ही बता देता है।
दुनिया में भले ही हर तरफ विकास की बात कही जा रही है लेकिन नवजात बच्चों की दुर्दशा पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। या यूं कहें कि विश्व का मानव समाज इस मसले पर मौन होकर अपनी हार स्वीकार करता जा रहा है। मानव समुदाय एक तरह से नवजात श्िाशुओं की हिफाजत नहीं कर पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की ताजा रिपेार्ट में कहा गया है कि दुनिया में विभिन्न तरह के संक्रमण की वजह से पैदा होने के साथ ही दस लाख बच्चों ने दम तोड़ दिया।
विश्वबैंक समूह के प्रमुख जिम योंग किम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात पोषण एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर सरकार की पहल को समर्थन देने के लिये उपाय तलाशने के विश्वबैंक के प्रयास का हिस्सा है।
विश्वबैंक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की गुरुवार को सराहना की और कहा कि भारत में कारोबार में सुगमता बढाने पर दिये जा रहे बल से यह देश एक आकर्षक स्थल के रूप में उभरा है।
विश्व बैंक ने भारत में सौर ऊर्जा क्षमता के विस्तार के लिये एक अरब डालर का कर्ज उपलब्ध कराने की गुरुवार को घोषणा की। बैंक ने अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए) के साथ समझौते पर भी हस्ताक्षर किये।
भारत में तीन साल से छह साल की उम्र के कुल 7.4 करोड़ बच्चों में से करीब दो करोड़ बच्चे औपचारिक पढ़ाई की शुरूआत से पहले प्री स्कूल नहीं जाते हैं। यूनिसेफ द्वारा जारी एक अध्ययन में पता चला है कि प्री स्कूल नहीं जा पाने वालों में निर्धन एवं समाज के कमजोर वर्गों के बच्चे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा बच्चे मुस्लिम समुदाय से हैं जो प्री स्कूली शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
एशियाई खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता विकास कृष्ण (75 किग्रा) बाकू (अजरबेजान) में चल रहे विश्व ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाले तीसरे भारतीय मुक्केबाज बने और अगस्त में होने वाले रियो खेलों में जगह बनाने से वह सिर्फ एक जीत दूर हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदकधारी एल देवेंद्रो सिंह (49 किग्रा) ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के विश्व ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में जबकि अनुभवी मनोज कुमार (64 किग्रा) ने अंतिम-16 चरण में प्रवेश किया।
विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने खुलासा किया है कि इस साल रूसी खिलाडि़यों के डोप टेस्ट करने के सैकड़ों प्रयास नाकाम रहे। वाडा ने यह सनसनीखेज रिपोर्ट रूस की ओलंपिक में भागीदारी पर अहम फैसला आने से कुछ दिन पहले ही जारी की है।