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पश्चिम बंगाल: नकद के लिए एटीएम की कतार में खड़े सरकारी कर्मी की मौत

पश्चिम बंगाल: नकद के लिए एटीएम की कतार में खड़े सरकारी कर्मी की मौत

नोटबंदी के दौरान नकद के लिए मची अफरा-तफरी में आज एक और व्यक्ति की जान चली गई। ताजा हादसा पश्चिम बंगाल के हुगली जिले का है, जहांबंदेल स्टेशन के पास एक एटीएम काउंटर के सामने कतार में खड़े होने के दौरान राज्य सरकार के कर्मचारी कल्लोल रॉय चौधरी ने दम तोड़ दिया।
प.बंगाल में टोल प्लाजाओं पर सेना की तैनाती का संसद मेंं कड़ा विरोध

प.बंगाल में टोल प्लाजाओं पर सेना की तैनाती का संसद मेंं कड़ा विरोध

पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में टोल प्लाजाओं पर सैनिकों की मौजूदगी पर तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने संसद में कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे एक साजिश करार दिया और इस मामले में राज्य की ममता बनर्जी सरकार को विश्वास में नहीं लेने का आरोप लगाया। हालांकि सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इसे तूल देना राजनीतिक हताशा का परिचायक है तथा इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को पूरी जानकारी थी।
नोटबंदी से तमतमायी ममता बोलीं, मोदी को राजनीति से हटाकर रहूंगी

नोटबंदी से तमतमायी ममता बोलीं, मोदी को राजनीति से हटाकर रहूंगी

पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के कदम से देश मेंं सबसे ज्‍यादा लगता है पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी खफा हैं। उन्‍होंने नोटबंदी पर सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी पर बड़ा हमला बोला। उन्‍होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि वह पीएम मोदी को भारतीय राजनीति से हटाकर रहेंगी।
नोटबंदी से लोग 1.28 लाख करोड़ रूपए की राशि से हमेशा के लिए हाथ धो बैठे : ममता

नोटबंदी से लोग 1.28 लाख करोड़ रूपए की राशि से हमेशा के लिए हाथ धो बैठे : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नोटबंदी पर अभी गुस्‍सा थमा नहीं है। शुक्रवार को उन्‍होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी नोटबंदी के मुद्दे पर झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 500 और 1000 रूपए के नोटों को अमान्य करार दिए जाने के कारण लोग 1.28 लाख करोड़ रूपए की राशि से हमेशा के लिए हाथ धो बैठे हैं।
नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन: ममता को मिला जदयू, सपा, आप, राकांपा का समर्थन

नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन: ममता को मिला जदयू, सपा, आप, राकांपा का समर्थन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए आज नई दिल्ली में नोटबंदी के खिलाफ जनसभा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए आरोप लगाया कि देश उनके हाथों में सुरक्षित नहीं है। ममता को नोटबंदी के खिलाफ अपने अबियान में जदयू, सपा, राकांपा और आप जैसी पार्टियों कता भी समर्थन मिला।
नोटबंदी के खिलाफ जनता की बगावत है उप-चुनाव का नतीजा : ममता

नोटबंदी के खिलाफ जनता की बगावत है उप-चुनाव का नतीजा : ममता

पश्चिम बंगाल में हुए उप-चुनाव में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की जीत को नोटबंदी के खिलाफ लोगों की बगावत करार देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह विदेशों से काला धन लाने में नाकाम रहे हैं।
'लाल गलियारे में विकास' पर आउटलुक हिंदी संवाद कार्यक्रम आयोजित

'लाल गलियारे में विकास' पर आउटलुक हिंदी संवाद कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को आउटलुक हिंदी पत्रिका की तरफ से लाल गलियारे में विकास विषय पर संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भाग ले रहे अतिथियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों को शिक्षा और विकास देकर ही इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
ममता ने येचुरी को किया फोन, भाजपा के खिलाफ साथ आ सकती हैं दोनों पार्टियां

ममता ने येचुरी को किया फोन, भाजपा के खिलाफ साथ आ सकती हैं दोनों पार्टियां

देश भर में नोटबंदी के केंद्र सरकार के फैसले के बाद जनता को हो रही परेशानियों पर साथ काम करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपनी घोर प्रतिद्वंद्वी माकपा की तरफ हाथ बढ़ाया है। भाजपा के खिलाफ एक साथ काम करने की इच्छा जताने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को फोन किया और भाजपा एवं इसकी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आग्रह किया।
सपा पर शाह का निशाना, जहां दिन-दहाड़े बलात्कार होते हों वहां कौन करेगा निवेश

सपा पर शाह का निशाना, जहां दिन-दहाड़े बलात्कार होते हों वहां कौन करेगा निवेश

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि जिस जगह दिन दहाड़े अपराध होते हों और कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई हो, वहां कोई निवेश करने नहीं आएगा।
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
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