भारत और पाकिस्तान के बीच का मौजूदा तनाव अब व्हाइट हाउस के साइबर क्षेत्र में पहुंच गया है जहां दोनों देशों ने याचिकाएं दायर की हैं और ओबामा प्रशासन से जवाब मांगा है।
अकेले अमेरिका में ही घृणा या नफरत फैल रही हो ऐसा नहीं है, बाकी देशों में भी ऐसा हो रहा है। हर तरफ असंतोष और आक्रोश के विस्फोट की घटनाएं हमारे सामने आ रही है। लेकिन अमेरिका में और खास तौर से इसके समाज में इस तरह की हिंसा की ठोस वजहें हैं जिन पर अक्सर या तो कम चर्चा होती है या बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया जाता। अमेरिका में इस तरह की हिंसा के पीछे बड़ी भूमिका हथियारों की, राइफलों की सहज उपलब्धता है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण :एनजीटी: ने एक पर्यावरण कार्यकर्ता की याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि आगरा में बड़े पैमाने पर नगरपालिका के ठोस कचरे को जलाये जाने से ताजमहल का रंग पीला पड़ रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप के रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का अनुमानित उम्मीदवार बनने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने टिप्पणी करते हुए उन्हें चेताया है कि व्हाइट हाउस की दौड़ कोई रियलिटी शो नहीं है। उन्होंने साथ ही विवादित अरबपति के पूर्व रिकॉर्ड और बयानों की गहराई से जांच की भी मांग की।
जम्मू कश्मीर सरकार को तब शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, जब कक्षा दसवीं के प्रश्न पत्र में छात्रों से राज्य में पीडीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने वाली पार्टी का नाम पूछा गया लेकिन चार विकल्पों में से किसी भी विकल्प में भाजपा का नाम नहीं था।
बीते पचास से भी ज्यादा वर्ष से शायरी और फिल्मी गीत लिख रहे गुलज़ार वैसे तो आधुनिक पीढ़ी के साथ लगातार तालमेल बिठाते रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि वह कलम से कागज पर लिखने की अपनी पुरानी आदत नहीं बदल सकते।
लुइसियाना से भारतीय अमेरिकी गवर्नर बॉबी जिंदल ने व्हाइट हाउस पर अपनी नजर रखते हुए एक अन्वेषण समिति गठित की है जो वर्ष 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए एक रिपब्लिकन उम्मीदवार के तौर पर उनकी चुनौती को मजबूत करने की संभावना टटोलेगी।
एक तरफ दुनिया भर के देशों में अमेरिकी एजेंसियां और कंपनियां ड्रोन के जरिए सर्विलांस को बढ़ावा दे रही हैं। वहीं अमेरिका ने राजधानी वाशिंगटन के व्हाइट हाउस, कैपिटल हिल एवं पेंटागन जैसी कुछ सरकारी इमारतों को ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसका उल्लंघन करने वाले को भारी जुर्माना और आपराधिक दंड सहना पड़ सकता है। अमेरिका को देखकर दुनिया के बाकी देशों में भी ड्रोन पर प्रतिबंध का सिलसिला जोर पकड़ सकता है।