Advertisement

Search Result : "Zakir Hussain Hospital"

संगीतकार र‌वींद्र जैन का निधन

संगीतकार र‌वींद्र जैन का निधन

बॉलीवुड के जाने-माने संगीतकार-गीतकार रवींद्र जैन का आज मुंबई के लीलावती में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे। जैन किडनी की समस्या से पीड़ित थे और पिछले दिनों यूरिनरी इंफेक्‍शन के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कल तक उनकी हालत स्थिर बताई जा रही थी मगर आज सुबह उनके निधन की खबर आई।
इंद्राणी की हालत नाजुक, अगले 48 घंटे अहम

इंद्राणी की हालत नाजुक, अगले 48 घंटे अहम

बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है और मुंबई के जे.जे. अस्पताल के मुताबिक उनकी जिंदगी के लिए अगले 48 घंटे काफी अहम हैं। एक दवा का कथित तौर पर अधिक सेवन करने के बाद इंद्राणी को बाइकुला जेल से जे.जे. अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जे.जे. अस्पताल के डीन डॉ. टी.पी. लहाने ने आज पत्रकारों को बताया, अगले 48 घंटे उनके लिए नाजुक हैं। लहाने से पूछा गया था कि क्या इंद्राणी खतरे से बाहर है।
डेंगू के बाद अब दिल्ली में स्वाइन फ्लू का खतरा

डेंगू के बाद अब दिल्ली में स्वाइन फ्लू का खतरा

डेंगू संकट से जूझ रहे दिल्लीवासियों के ऊपर अब स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली में स्वाइन फ्लू फैलने की आशंका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्वाइन फ्लू के संभावित खतरे से दिल्लीवासियों को चेताया है।
डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

दिल्ली में पांच साल में डेंगू के सबसे बुरे प्रकोप के चलते यहां अस्पतालों को मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि चिकित्सक शिकायत कर रहे हैं कि वे काम के बोझ से दबे जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेक्टर-जनित रोग को नियंत्राण करने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति को पूरी तरह काबू में किया जाना अभी बाकी है, क्योंकि डेंगू के मामलों की संख्या 2,000 तक पहुंचने को है।
उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का निधन

उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का निधन

पाकिस्तान के जाने माने उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का लाहौर में निधन हो गया। हुसैन अपनी किताब उदास नस्लें के लिए जाने जाते थे। वह 84 वर्ष के थे।
हेमा मालिनी कार दुर्घटना मामलाः पीड़ित परिवार हताश

हेमा मालिनी कार दुर्घटना मामलाः पीड़ित परिवार हताश

भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी की कार दुर्घटना में मारी गई दो साल की बच्ची के पिता शोकाकुल हैं जबकि उसकी घायल मां एक ही रट लगा रही है कि चिन्नी कहां है? उसे यह पता नहीं कि उसकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। परिवार का इससे भी ज्यादा दुख इस बात को लेकर है कि सांसद या उनके किसी सहयोगी ने उनका हाल तक जानने की कोशिश नहीं की। दूसरी तरफ, हेमा मालिनी की सेडान कार चलाने वाले ड्राइवर को अदालत से जमानत भी मिल गई है और अभिनेत्री के नाक की प्लास्टिक सर्जरी सफल रही है।
प्रधानमंत्री को ललकारती कत्ल हुए बाप और बेटी की सेल्फी

प्रधानमंत्री को ललकारती कत्ल हुए बाप और बेटी की सेल्फी

प्रधानमंत्री के आह्वान पर हैशटैग #SelfieWithDaughter टॉप ट्रेंड तो रहा ही साथ ही बेटियों संग सेल्फी खींच सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर पोस्ट करने का सिलसिला थम नहीं रहा। न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में लोगों ने अपनी बेटियों के साथ सेल्फी खींची और पोस्ट की लेकिन इस बीच गुजरात की एक ऐसी बेटी ने अपने कत्ल हो चुके अब्बा के साथ अपनी एक सेल्फी पोस्ट कर प्रधानमंत्री के नाम संदेश लिखा। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर इस समय वायरल हो चुकी यह सेल्फी और संदेश एहसान जाफरी की बेटी निशरीन जाफरी हुसैन का है।
इलाज के लिए न डाॅक्टर हैं और न दवा

इलाज के लिए न डाॅक्टर हैं और न दवा

पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिले गाजीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का इतना बुरा हाल है कि यहां के अस्पतालों को ही इलाज की जरुरत महसूस होने लगी है। डाॅक्टर और दवा दोनों ही जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की समस्या है।
ब्लाटर के हटते ही फीफा अध्यक्ष बनने की होड़ शुरू

ब्लाटर के हटते ही फीफा अध्यक्ष बनने की होड़ शुरू

फीफा अध्यक्ष पद से सैप ब्लाटर ने बुधवार को आश्चर्यजनक तरीके से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद स्कैंडल में फंसे फीफा की छवि को सुधारने के लक्ष्य के साथ इस संगठन के अध्यक्ष पद के लिए नये सिरे से दौड़ शुरू हो गई है।
चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं। कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने। इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement