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आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्‍ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
लेफ्टी हो गई आलिया

लेफ्टी हो गई आलिया

आलिया भट्ट ने ट्विटर पर अपने कंधे में चोट की खबर क्या डाली उनके प्रशंसक चिंता में आ गए हैं। आलिया अपनी फिल्म की शूटिंग के दौरान घायल हो गई हैं।
समीक्षा - एबीसीडी-2

समीक्षा - एबीसीडी-2

यदि आप नृत्य, माफ कीजिए डांस वह भी हिपहॉप डांस के शौकीन हैं तो ही यह फिल्म आपके लिए है। थ्रीडी होने के बावजूद यह फिल्म कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ती है। लेकिन हां बच्चों को यह फिल्म पसंद आ सकती है और शायद उन्हें भी जो टेलीविजन पर आने वाले एेसे शो का हिस्सा होना चाहते हैं।
बजरंगी भाईजान 30 दिन दूर, ट्रेलर जारी

बजरंगी भाईजान 30 दिन दूर, ट्रेलर जारी

रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। यह मुकद्दस महीना खत्म होते-होते मीठी सेवइयों की खुशबू हवा में तैरने लगेगी। और एक बात जो फिजाओं में होगी वह है बजरंगी भाई जान के जलवे।
मेरी कॉम पर एनिमेटेड  टीवी सिरीज

मेरी कॉम पर एनिमेटेड टीवी सिरीज

ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता बॉक्सर मेरी कॉम भारत की पहली गर्ल सुपरहीरो सिरीज में एनिमेटेड अवतार में दिखेंगी। मेरी कॉम मानती हैं कि इससे लड़कियों को स्वरक्षा में मदद मिलेगी। अब वक्त आ गया है कि लड़कियां अपनी रक्षा के गुर सीखें और आगे बढ़े
लोकतांत्रिक तरीके से चुना व्यक्ति भी तानाशाह हो सकता हैः नामवर सिंह

लोकतांत्रिक तरीके से चुना व्यक्ति भी तानाशाह हो सकता हैः नामवर सिंह

आलोचना (त्रैमासिक) पत्रिका के अंक 53-54 के प्रकाशन के उपलक्ष्य में ‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर साहित्य अकादमी-सभागार में आयोजित परिचर्चा में युवाओं की भागीदारी जबरदस्त रही। दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सहित अन्य अकादमिक संस्थानों के छात्रों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। युवाओं ने जनतंत्र से जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी। एक युवा ने सवाल खड़ा किया कि आखिर क्यों ‘आलोचना’ पहले जैसी नहीं होती ! जिसकी आलोचना होती है वह और मजबूत क्यों हो जाता है।
आईफा में क्वीन और हैदर का जलवा

आईफा में क्वीन और हैदर का जलवा

क्वीन फिल्म का पुरस्कार जीतने का सिलसिला जारी है। विकास बहल की इस फिल्म ने आईफा अवॉर्ड समारोह में भी इस परंपरा को बनाए रखा। सोहलवें आईफा अवॉर्ड में क्वीन के साथ विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर की झोली में भी कई पुरस्कार आए। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री कंगना रनौत और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार शाहिद कपूर के नाम रहा।
समीक्षा - दिल नहीं धड़का

समीक्षा - दिल नहीं धड़का

यदि दिल ऐसे ही धड़कता है तो फिर भगवान ही बचाए। जोया अख्तर (निर्देशक) यदि इस फिल्म का नाम दिमाग बंद रहने दो रखतीं तो एकदम बढ़िया रहता। जोया को समझना चाहिए कि कलाकारों का जमघट भर लगा देने से कोई फिल्म हिट नहीं हो जाती।
अपने दिल की ‘क्वीन’

अपने दिल की ‘क्वीन’

कंगना द्वारा यह कहकर फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन को ठुकराना कि सेलिब्रिटीज की भी कुछ जिम्मेदारी होनी चाहिए, मुझे बहुत पसंद आया। मुझे यकीन है कि बॉलीवुड के पुरुष सितारे इस पहाड़ी कन्या से कुछ नसीहत लेंगे। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि तनु वेड्स मनु रिटर्न्स मुझे बहुत उबाऊ लगी। फिल्म देखकर मुझे लगा कि आखिर उससे जुड़ा शोर किस बात का था। मुझे बरसों पहले गैंगस्टर (जिसमें अब लगभग बर्बाद हो चुका शाइनी आहूजा भी लाजवाब था) में अपने लीक से जुदा रूप रंग से भाने वाली कंगना की यह अब तक की सबसे बेकार फिल्म लगी। मेरी राय में वह नशे की शिकार मॉडल के रूप में फैशन में अपने छोटे से रोल में प्रियंका चोपड़ा से कहीं अधिक असरदार रही थी। वहीं क्वीन, फिल्म और उसकी नायिका दोनों बेहद चमत्कारी थे।
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