योग गुरु बाबा रामदेव ने रविवार को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव से मुलाकात की।
आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की स्थिति मजबूत होती जा रही है। पिछले दोनों मैंच उसने उम्दा प्रदर्शन की बदौलत जीते हैं। आरसीबी के खिलाफ जहां युसूफ पठान का बल्ला बोला था तो पंजाब के खिलाफ चमत्कारिक आलराउंडर आंद्र रसेल ने अंतिम ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजी कर टीम की झोली में जीत डाल दी।
पाकिस्तान ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक कथित अधिकारी की गतिविधियों के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले को तलब किया। एक दिन पहले पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कथित अधिकारी को गिरफ्तार करने का दावा किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीबीआई के जरिए गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों पर दबाव डालने का आरोप बढ़ रहा है, भाजपा के मुख्यमंत्रियों पर भ्रष्टाचार के मामलों में नहीं दिखी सक्रियता
वरिष्ठ कथाकार ‘दूसरा कदम’, ‘उनका जीवन’, ‘कछुए की तरह’, ‘एकत्र’ और ‘भूलने का रास्ता’ जैसे कथा-संग्रहों को मिलाकर अब तक नौ कहानी संग्रह प्रकाशित। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन तथा ‘पहल’ पत्रिका के संपादन में सहयोग।
राजेंद्र राव शिक्षा और पेशे से भले ही इंजीनियर रहे हों, मगर उनका मन सदैव साहित्य और पत्रकारिता में ही रमा रहा । तकनीकी और प्रबंधन के क्षेत्र में काफी समय बिताने के बाद अवसर मिलते ही साहित्यिक पत्रकारिता में आ गए। कृतियों में एक उपन्यास, सात कथा संकलन और कथेतर गद्य के बहुचर्चित संकलन उस रहगुजर की तलाश है । संप्रति दैनिक जागरण में साहित्य संपादक।
प्रकृति करगेती की यह पहली कहानी है। इसी कहानी पर उन्हें प्रतिष्ठित राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान मिला है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक प्रकृति मुंबई में नेटवर्क 18में प्रोमो प्रोड्यूसर के पद पर काम करती हैं। कहानी लिखने से पहले प्रकृति कविताएं लिखती रही हैं। पहाड़ों के नाम लिखी गई उनकी कविताएं कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
कैमरे पर सच दिखाने की हिमाकत का नतीजा यह रहा कि कोलकाता पुलिस गौतम कुमार विश्वास को बालों से नोचती हुई घसीट कर ले गई। उन्हें जहां चाहा मारा। लातें, घूसे सब। गौतम कोलकाता के फ्रीलांस पत्रकार हैं, जो पुलिस और प्रशासन की पोल खोलती फिल्में बनाते हैं। जान की परवाह किए बिना भ्रष्ट तंत्र से टकराने वाले गौतम के महीने के आधे से ज्यादा दिन अदालतों में जाते हैं। उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा वकीलों को जा रहा है लेकिन फिर भी गौतम इस घुन लगी व्यवस्था के आगे न झुकते हुए बखूबी अपना काम कर रहे हैं।