अभिनेता अजय देवगन का कहना है कि जब राष्ट्रवाद की बात आती है तो फिल्म उद्योग एकजुट है लेकिन जब बीच में राजनीति घुस जाती है तो बॉलीवुड पूरी तरह भयभीत और कमजोर हो जाता है।
रमन मैग्सायसे पुरस्कार विजेता टी एम कृष्णा ने कहा कि सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी अधिक ताकतवर है और अब बॉलीवुड में जो कुछ हो रहा है, वह इसी ताकत का दूसरा उदाहरण है। कृष्णा ने यह बातें आज कोवलम साहित्य उत्सव में एक कार्यक्रम में कुछ सवालों का जवाब देते हुए कही।
अमिताभ बच्चन के बारे में अब क्या कहा जाए, समझ में नहीं आता। जैसे-जैसे वह उम्रदराज हो रहे हैं। उनमें एक नई आभा दिख रही है। शायद यह उनके अथक और अनवरत परिश्रम का नतीजा है। लिहाजा अगर हम कहें कि चलते रहने का नाम अमिताभ है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
जीवन के 74 वसंत पूरे करने वाले हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन ने आज कहा कि यह अपने देश के सैनिकों के साथ एकजुटता प्रकट करने का समय है जो सीमा पर आतंकी हमलों का सामना कर रहे हैं।
प्रतिष्ठित आउटलुक ग्रुप के सोशल मीडिया अवार्ड में सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन को सुपरनोवा ऑफ द ईयर सम्मान से नवाजा गया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पॉलिटिशन ऑफ द ईयर, इतिहासकार रामचंद्र गुहा को इंटेलेक्चुअल ऑफ द ईयर, निखिल वाघले को जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर, पेटीएम के विजय शेखर शर्मा को बिजनेसपर्सन ऑफ द ईयर, आईएएस अशोक खेमका को ब्यूरोक्रेट ऑफ द ईयर, प्रियंका चोपड़ा को मूवी स्टार ऑफ द ईयर घोषित किया गया।
पब्लिसिटी स्टंट तो सभी को अच्छा लगता है। लेकिन इस स्टंट को लेकर तो करण जौहर भी घबरा गए हैं। उनकी फिल्म ऐ दिल है मुश्किल में पाकिस्तान के फवाद खान हैं। मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने उड़ी में आतंकवादी हमले के बाद कह दिया है कि पाकिस्तान के कलाकार भारत छोड़ दे। 48 घंटे में भारत छोड़ने की उनकी मियाद अब खत्म होने को है।
लाजवाब अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अपनी कुछ फिल्मों में बेहतरीन हास्य किरदार भी निभाया है। हंसाने की इसी अदा के साथ अमिताभ बच्चन ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मार्कंडेय काटजू द्वारा उन्हें 'खाली दिमाग' कहने का बेहद मुलायमी ढंग से हल्के अंदाज में जवाब दिया।
पिंक फिल्म के निर्देशक अनिरुद्ध रॉय बांग्ला फिल्मों के जाने-माने निर्देशक हैं। अपनी प्रतिभा के अनुसार ही उन्होंने एक अच्छी कहानी को और अच्छे निर्देशकीय कौशल में बांध दिया है। यह फिल्म अमिताभ बच्चन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस फिल्म ने फिर साबित किया है कि वह महत्वपूर्ण और मुकम्मल कलाकार क्यों हैं।
अपने नए नाटक के साथ मंच पर वापसी कर रहे अभिनेता निर्देशक सतीश कौशिक का मानना है कि रंगमंच पर बॉलीवुड कलाकारों की मौजूदगी थियेटर में दर्शकों की तादाद बढ़ाने में मददगार होती है।