वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को एक जुलाई से लागू कर लिया जाएगा। जीएसटी लागू होने से वस्तुएं और सेवाएं सस्ती होंगी और कर चोरी मुश्किल होगी।
केंद्रीय कैबिनेट ने आज गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के अनुपूरक बिलों को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इन बिलों को संसद में पेश किया जाएगा। इन बिलों के पास होने के बाद जीएसटी को कानूनी आधार मिल जाएगा और 1 जुलाई से इसे लागू करना आसान हो सकेगा।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था को लागू करने में सहायक चार विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब इन विधेयकों को संसद में पेश किया जायेगा।
बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन का कहना है कि महिलाओें को स्तन कैंसर को लेकर शर्मिंदगी महसूस नहीं करनी चाहिए और उसे अन्य किसी रोग के तौर पर ही लेना चाहिए।
राज्यों के टैक्स अधिकारियों के विरोध के बाद अब केंद्रीय नौकरशाही ने भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की प्रस्तावित व्यवस्था पर नाराजगी जताई है। भारतीय राजस्व सेवा यानी आईआरएस के अधिकारियों के संगठन ने जीएसटी के संबंध में कई प्रावधानों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज फिर कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित लंबित मुद्दे यदि हल हो जाएं तो केंद्र सरकार अब भी इस प्रणाली को आगामी पहली अप्रैल से लागू करना चाहेगी।
नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि मौजूदा सरकार की विमुद्रीकरण की नीति एक क्रांति है, जिससे निसंदेह देश तरक्की करेगा। कांत के अनुसार विमुद्रीकरण के बाद देश के बैंकों में डिपोजिट बढ़ेगी जिससे काफी सारे लाभ होंगे। मसलन ब्याज दरों में कमी आएगी। बाजार के तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा। आयकर स्लैब में कमी आएगी। कांत ने कहा कि विमुद्रीकरण से पहले 86 फीसदी धन का लेन देन कैश में हाेेता था। जिसमें भ्रष्टाचार और लीकेज की आशंका अधिक थी। विमुद्रीकरण के बाद इनमें कमी आएगी। ई कॉमर्स को बढ़ावा मिलेगा। बाजार में धन का लेन देन पारदर्शी बन सकेगा।