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भगत सिंह को अपना मानता है पाकिस्तान

भगत सिंह को अपना मानता है पाकिस्तान

पड़ोसी देश पाकिस्तान भी इन दिनों अपने स्वतंत्रता दिवस की सत्तरवीं वर्षगांठ के उत्साह में है। वहां यह जश्न हम से एक दिन पहले मनाया जाता है। हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान में शहीदों को याद करते समय भगत सिंह की शान में भी खूब कसीदे पढ़े गए।
मेरी भूमिका दबाव बनाने की थी जिसमें मैंने अच्छा किया: मिश्रा

मेरी भूमिका दबाव बनाने की थी जिसमें मैंने अच्छा किया: मिश्रा

भारतीय गेंदबाज अमित मिश्रा ने पहले टेस्ट में भले ही ज्यादा विकेट नहीं चटकाये हों लेकिन इस लेग स्पिनर ने कहा कि उन्होंने एक छोर से वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों पर दबाव बनाकर अपनी भूमिका अच्छी तरह निभायी।
अभ्यास मैच में जडेजा, अश्विन का शानदार प्रदर्शन

अभ्यास मैच में जडेजा, अश्विन का शानदार प्रदर्शन

रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अमित मिश्रा की स्पिन तिकड़ी के दम पर भारत ने दूसरे और आखिरी अभ्यास मैच के पहले दिन वेस्टइंडीज बोर्ड अध्यक्ष एकादश को सिर्फ 180 रन पर समेट दिया।
अनुपम की 500 वीं फिल्म हॉलीवुड की होगी

अनुपम की 500 वीं फिल्म हॉलीवुड की होगी

अनुपम खेर के लिए भी शायद आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। अपने अभिनय करिअर की 500 वीं फिल्म साइन करते हुए उन्होंने इसे शानदार मुकाम बताया। यह एक हॉलीवुड की फिल्म है, जिसका नाम द बिग सीक है।
तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

इस फिल्म का सीक्वेल देखने के बाद इच्छा होती है कि संविधान में संशोधन कर एक नियम डाला जाए कि पकाऊ सीक्वेल बनाने पर सजा का प्रावधान हो।
अनुपम खेर को पाक का वीजा नहीं

अनुपम खेर को पाक का वीजा नहीं

कश्मीरी पंडितों के पक्ष में एक वीडियो, भारतीय जनता पार्टी के काम काज की तारीफ, मोदी का समर्थन और हाल ही में कांग्रेस नेता शशि थरूर से ‘हिंदू’ होने के मुद्दे पर बहस का इनाम अनुपम खेर को पाकिस्तानी सरकार ने दिया है।
गांधी: बस नाम ही बाकी है

गांधी: बस नाम ही बाकी है

राष्ट्रपिता के रूप में ख्याति पाने वाले शख्स के नाम पर पूरे भारत में ढेरों संस्थाएं हैं, जिनका बस 'नाम’ ही बाकी रह गया है
खिड़कियां थिएटर उत्सव

खिड़कियां थिएटर उत्सव

मुंबई में खिड़कियां थिएटर उत्सव की धूम रहती है। रंगमंच के कलाकारों के साथ बॉलीवुड के सितारे में इसमें शामिल होना गर्व समझते हैं।
रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

सन 1951 में पहला काव्य संग्रह पथ के गीत का प्रकाशन। तब से निरंतर रचना कर्म में सक्रीय। आग की हंसी के लिए सन 2015 का साहित्य अकादमी सम्मान। कविता, उपन्यास, कहानी, ललित निबंध, आत्मकथा, आलोचना, यात्रावृत्तांत, डायरी, समीक्षा, संस्मरण आदि सभी विधाओं में लेखन। दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, शलाका सम्मान, महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान, व्यास सम्मान सहित कई पुरस्कार एवं सम्मान।
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