ब्राजील ने पराग्वे को 2-0 से हराकर विश्व कप फुटबाल में क्वालीफिकेशन की ओर अगला कदम रख दिया जबकि लियोनेल मेस्सी के निलंबन के बाद अर्जेंटीना की राह मुश्किल हो गई है।
ब्राजील उरूग्वे को हराकर विश्व कप फुटबाल में अपनी जगह पक्की करने के करीब पहुंच गया जबकि लियोनेल मेसी चिली के खिलाफ अपने एकमात्र गोल के दम पर अर्जेंटीना का क्वालीफिकेशन अभियान फिर से पटरी पर ले आये।
अर्जेंटीना और बेल्जियम पहली बार ओलंपिक में हॉकी के खिताब के लिये एक दूसरे के आमने-सामने होंगे जिन्होंने क्रमश: गत चैम्पियन जर्मनी और नीदरलैंड जैसे धुरंधरों को हराया।
देश बड़ा है या क्लब ? जो लोग लियोनेल मेसी के खेल में कोई कमी नहीं ढूंढ़ पाते, वे अंत में यही सवाल उछाल देते हैं। जैसा कि इन दिनों हो रहा है। आलोचक आंकड़ों के जरिये यह कुतर्क दे रहे हैं कि लियोनेल मेसी का दिल देश के लिए नहीं, क्लब के लिए धडक़ता है। क्लब के लिए वह जी-जान एक कर देते हैं लेकिन देश के लिए उनके मन में तरंगें तक नहीं उठतीं। और यह सब ऐसे खिलाड़ी के लिए कहा जा रहा है जो कई वर्षों से अर्जेंटीना की टीम की ताकत बना हुआ है। जिसके बूते अर्जेंटीना की टीम विश्वकप फाइनल खेलती है, लगातार दो बार कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंची है। कोई यह सवाल नहीं उठाता कि अर्जेंटीना तो फाइनल में पहुंचने लायक ही नहीं थी लेकिन इसके बावजूद मेसी उसे यहां तक ले आए। हां, फाइनल न जीत पाने का ठीकरा आलोचक जरूर उनके सिर पर फोड़ते रहे हैं। देश उनके लिए क्या है? यह उनका संन्यास का फैसला ही बता देता है।
चिली ने रविवार को पेनेल्टी शूट-आउट तक पहुंचे रोमांचक मुकाबले में अर्जेंटीना को हराकर कोपा अमेरिका सेंटेनारियो का खिताब अपने नाम कर लिया। लियोनेल मेसी की टीम को एक बार फिर मायूसी का सामना करना पड़ा।
कोपा अमेरिका के फाइनल में चिली से अर्जेंटीना के हारने के बाद स्टार फुटबालर लियोनेल मेसी ने सनसनीखेज ढंग से अंतरराष्ट्रीय फुटबाल को अलिवदा कहने का ऐलान कर दिया।
लियोनेल मेसी कोपा अमेरिका के फाइनल में चिली के खिलाफ अर्जेंटीना के 23 साल से कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत पाने के सूखे को समाप्त करके अपनी पीढ़ी के महान फुटबालर की अपनी विरासत को नये मुकाम पर पहुंचाने की कोशिश करेंगे।