रजनीकांत, अमिताभ बच्चन, करण जौहर और अनुराग कश्यप समेत बॉलीवुड की जानी मानी हस्तियों ने बाजार से 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले की सराहना की है।
दीवाली के गीत हिंदी फिल्मों में कम हैं। होली की अपेक्षा तो बहुत ही कम। और जहां होली के गीतों के परिदृश्य में अक्सर उत्सवधर्मिता रहती है और उल्लासित वातावरण रहता है, वहीं दीवाली के दृश्य की उज्जवल पृष्ठभूमि में कई गीत कॉन्टेक्ट की तरह वैयक्तिक दुख और विषाद के गीत बन कर उभरते हैं।
अभिनेता-निर्देशक राहुल बोस का मानना है कि लोगों को लैंगिक नजरिए से फिल्में देखने की जरूरत है और यह विश्लेषण भी करना चाहिए कि बड़े पर्दे पर आ रही कहानियों में क्या पुरूषों और महिलाओं को समान महत्व दिया जाता है।
अभिनेता अजय देवगन का कहना है कि जब राष्ट्रवाद की बात आती है तो फिल्म उद्योग एकजुट है लेकिन जब बीच में राजनीति घुस जाती है तो बॉलीवुड पूरी तरह भयभीत और कमजोर हो जाता है।
रमन मैग्सायसे पुरस्कार विजेता टी एम कृष्णा ने कहा कि सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी अधिक ताकतवर है और अब बॉलीवुड में जो कुछ हो रहा है, वह इसी ताकत का दूसरा उदाहरण है। कृष्णा ने यह बातें आज कोवलम साहित्य उत्सव में एक कार्यक्रम में कुछ सवालों का जवाब देते हुए कही।
निर्देशक करण जौहर सहित फिल्म ऐ दिल है मुश्किल के निर्माताओं को केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार दोनों ने आश्वासन दिया कि किसी को भी फिल्म की रिलीज रोकने नहीं दी जाएगी। दरअसल मनसे ने धमकी दी है कि वह पाकिस्तानी कलाकार के कारण अगले सप्ताह रिलीज हो रही रही इस फिल्म को सिनेमाघरों में प्रसारित नहीं होने देगी।
पाकिस्तानी कलाकार की वजह से फिल्म ऐ दिल है मुश्किल की रिलीज को लेकर विरोध का सामना कर रहे फिल्म निर्देशक करण जौहर ने आज कहा कि वह भविष्य में पाक कलाकारों को नहीं लेंगे और उन्होंने भावपूर्ण अपील करते हुए कहा कि फिल्म के प्रदर्शन में अवरोध नहीं डाला जाए।
फिल्मकार अनुराग कश्यप ने भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के कारण पाकिस्तानी कलाकारों से सजी हुई फिल्मों की रिलीज पर रोक से जुड़े विवाद में शामिल होते हुए कहा कि जब भारतीय फिल्मकारों को दंडित किया जा रहा है तो प्रधानमंत्री को भी अपने लाहौर दौरे के लिए माफी मांगनी चाहिए।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 16 अक्टूबर को युवा कथाकार पंकज सुबीर के बहुचर्चित उपन्यास अकाल में उत्सव पर केंद्रित एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया है।