Advertisement

Search Result : "bulandshahar mob violence"

क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
पीएम मोदी की चेतावनी के बावजूद बीफ के शक में युवक को पीट-पीट कर मार डाला

पीएम मोदी की चेतावनी के बावजूद बीफ के शक में युवक को पीट-पीट कर मार डाला

पीएम मोदी जिस समय अहमदाबा में गोरक्षा के नाम पर हत्या को अस्वीकार्य बता रहे थे, करीब उसी वक्त झारखंड में हिंसक भीड़ ने कथित रूप से प्रतिबंधित मांस ले जाने के नाम पर एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला।
नॉट इन माई नेम: मॉब लिचिंग के खिलाफ देश-विदेश में प्रदर्शन, हिंसा के विरोध में जुटेंगे लोग

नॉट इन माई नेम: मॉब लिचिंग के खिलाफ देश-विदेश में प्रदर्शन, हिंसा के विरोध में जुटेंगे लोग

देश भर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में देश-विदेश में कई जगहों पर लोग 28 जून को प्रदर्शन करेंगे।
गौरक्षा के नाम पर हिंसा, आठ साल में 97 फीसदी घटनाएं मोदी राज की

गौरक्षा के नाम पर हिंसा, आठ साल में 97 फीसदी घटनाएं मोदी राज की

गौ रक्षा के नाम पर आए दिन कुछ न कुछ घटनाएं हो रही हैं। इस बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि गाय के नाम पर हिंसा में मरने वाले 97 प्रतिशत घटनाएं मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हुई हैं।
अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों के विरोध में शबनम हाशमी ने लौटाया अवार्ड

अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों के विरोध में शबनम हाशमी ने लौटाया अवार्ड

देश में हिंसक भीड़ द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पीट-पीट कर मार डालने की बढ़ती घटनाओं के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार अवार्ड लौटा दिया है।
भीड़तंत्र: पहले कोई बचाने नहीं आया, अब कोई गवाह नहीं

भीड़तंत्र: पहले कोई बचाने नहीं आया, अब कोई गवाह नहीं

देश में उन्मादी भीड़ ने हिंसा की कई काली रेखाएं खींच दी है। पहले उन्मादी भीड़ ने एक युवक को मौत के हवाले कर दिया। उस दौरान किसी के हाथ मदद के लिए आगे नहीं बढ़े। अब विडबंना है कि कोई गवाह भी सामने नहीं आ रहा है।
‘थाने में आग लगा दो’ कहना पड़ा महंगा, कांग्रेस विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज

‘थाने में आग लगा दो’ कहना पड़ा महंगा, कांग्रेस विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज

मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान थाने को जलाने की धमकी देने वाली कांग्रेस विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है, फिलहाल शकुंतला फरार है। शकुंतला का किसानों को हिंसा के लिए उकसाने और पुलिस स्टेशन में आग लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया था।
Advertisement
Advertisement
Advertisement