उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि अगले चुनावों में प्रदेश की जनता बदलाव के लिए वोट देगी और उसकी पहली पसंद भाजपा है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर राजनीतिक रणनीति चरम पर है। प्रदेश में दलबदल के बीच चुनाव पर सटीक अनुमान लगाना एक कठिन कवायद है। 2017 में यूपी की सत्ता को जानने के लिए एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए ओपिनियन पोल के परिणाम आश्चर्यजनक हैं। इस पोल में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव हुए तो सपा को 403 सीटों में से 141 से 151 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को 124 से 134 सीटें और बसपा 103-113 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस की हालत काफी खराब है। उसे 8 से 14 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में थोड़ी देर है लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) गठबंधन के लिए सहयोगी दल की खोज में सक्रिय हो गई है। पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह यूपी में भाजपा, सपा और कांग्रेस के अलावा किसी भी दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं।
उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में अभी हाल ही में लौटे अमर सिंह पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सिंह ने पार्टी में मुलायम सिंह यादव के करीबी लोगों को अपमानित किए जाने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की धमकी दी है।
कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने रविवार को लखनऊ में कांग्रेस की 27 साल यूपी बेहाल यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने पिछले 27 सालों के दौरान प्रदेश की सरकार में रहने वाली पार्टियों भाजपा, बसपा और सपा पर देश को एकजुटता के सूत्र में पिरोने वाले महात्मा गांधी की विरासत के टुकड़े-टुकड़े करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपिता के एकता के सिद्धांत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जनता के सामने रखकर वोट मांगेगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी चुनावी मुहिम का आगाज करते हुए आगरा में बड़ी रैली की। बसपा अध्यक्ष ने रैली में इस बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा किया। पीएम मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे दिन अब बुरे दिनों में तब्दील हो गए हैं।
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक कुनबे में संतुलन बनाने के दो ही दिन बाद ‘वोट बैंक’ अपने पाले में करने का प्रयास करते नजर आए। एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिये बगैर उन्हें अहसान फरामोश कह दिया। साथ ही उन्होंने चीन, सीमा सुरक्षा, कश्मीर पर केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह के परिवार की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। बसपा प्रमुख मायावती ने इसको दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश की शासन-प्रशासन व्यवस्था पर इसका और भी ज़्यादा बुरा असर पड़ेगा।
एक दिन पहले ही शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अगर सपाइयों ने उत्तर प्रदेश में जमीन कब्जाना बंद नहीं किया तो वह इस्तीफा दे देंगे और इसके बाद उनके भाई और सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने अपने पुत्र और प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर एक बार फिर निशाना साध दिया।
चुनाव सिर पर हो तो बधाई देने के लिए नेताओं को बस बड़ी-बड़ी होर्डिंग्स लगाने की देर रहती है। लेकिन होर्डिंग्स में क्या लिखना है इस बात का पता नहीं है। देश जहां आजादी की 70वीं वर्षगांठ मना रहा है वहीं सपा नेताओं ने गणतंत्र और रक्षाबंधन की बधाई देनी शुरू कर दी।