ट्रांसपोर्टरों ने शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी अपनी हड़ताल जारी रखी जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में सामान की आपूर्ति प्रभावित हुई है। हालांकि सरकार ने वर्तमान टोल प्रणाली को खत्म करने की उनकी मांग को मानने से इनकार कर दिया।
ट्रक मालिक मौजूदा टोल प्रणाली के विरोध में आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के आह्वान पर गुरुवार सुबह से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चले गए। हालांकि दूध, सब्जी और दवा जैसी आवश्यक वस्तुओं को हड़ताल के दायरे से बाहर रखा गया है लेकिन हड़ताल जारी रहने की स्थिति में महंगाई बढ़ने की आशंका के साथ ही ट्रक मालिकों को प्रति 1500 करोड़ रुपये जबकि सरकार को 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अंदाजा लगाया गया है।
देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
सरकार कल होने वाली रक्षा खरीद परिषद की बैठक में भारतीय नौसेना को 2700 करोड़ रूपये के छह नये ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देने का रास्ता साफ कर सकती है। इसके अलावा सेना को बीएई एम 777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर देने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा सकता है।
बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?
अखिल भारतीय बार संघ (एआईबीए) ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से शिकायत की है कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में कम से कम 125 जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी पूर्ववर्ती कॉलेजियम प्रणाली खत्म करने से उत्पन्न हुई संवैधानिक शून्यता के कारण हो रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के गठन में भी देर की जा रही है।
बिहार की मैट्रिक परीक्षा में कदाचार पर मचे राष्ट्रव्यापी बवाल के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने यह कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है कि अगर उनकी सरकार होती तो वह परीक्षार्थियों को नकल करने के लिए लिए किताब ले जाने की इजाजत दे देते।