बिहार में सियासी उबाल के बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट ने खलबली मचा दी है। एडीआर के मुताबिक नीतीश की नई सरकार में 75 फीसदी मंत्री दागी हैं।
उत्तरप्रदेश की नयी सरकार के 20 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि पंजाब के दो मंत्रियों के खिलाफ मामले हैं। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। धन के मामले में उत्तरप्रदेश के 35 मंत्री करोड़पति हैं जबकि पंजाब में नौ मंत्री करोड़पति हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज गुवाहाटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के संगठन भारत का विभाजन कराना चाहते हैं। राहुल ने कहा कि उन पर चाहे जितने केस हो जाएं वे आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़ते रहेेंगे।
राजद सांसद और युवा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेष कुमार उर्फ बुलो मंडल ने कहा कि मोहम्मद शहाबुद्दीन अपराधी नहीं समाजसेवी हैं। शहाबुद्दीन पांच बार जनप्रतिनिधि रह चुके हैं वे अपराधी नहीं हो सकते हैं।
देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाय पर बोले। अपने टाउनहॉल कार्यक्रम में डेढ़ घंटे के संबोधन के आखिरी वक्त में उन्होंने गाय पर चुप्पी तोड़ी। गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी की बात कही लेकिन हिंदू महासभा पीएम के बयान के खिलाफ खड़ी हो गई है।
असम की एक अदालत ने आरएसएस के खिलाफ एक टिप्पणी के मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आरोपी के तौर पर समन किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष को संघ के खिलाफ टिप्पणी के एक मामले में आपराधिक मानहानि का सामना करना है।
भाजपा को झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने सासाराम के भाजपा सांसद छेदी पासवान की संसद की सदस्यता खतम कर दी है। उन पर नामांकन के दौरान हलफनामे में जानकारी छुपाने का आरोप है। उन पर शपथ पत्र में अपराधिक प्रकरण की जानकारी छुपाने का आरोप साबित हुआ है।
मध्यप्रदेश में आपराधिक इतिहास वाले नेताओं के लिए बूरी खबर है। राज्य में किस नेता के खिलाफ किस तरह का आपराधिक मामला दर्ज है और उसमें अब तक क्या कार्रवाई हुई, पुलिस इसकी रिपोर्ट तैयार कर रही है।
असम में भाजपा की नवनिर्वाचित सोनोवाल सरकार के एक मंत्री के ऊपर गंभीर आपराधिक मामला दर्ज होने का मामला सामने आया है। बुधवार को नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने चुनाव के दौरान मंत्रियों की ओर से दिए हलफनामे के अध्ययन के आधार पर यह जानकारी दी है।
मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।