देश में लगातार बढ़ रहे किसान खुदकुशी के मामले को देखते हुए हाल ही में यूपी, महाराष्ट्र और पंजाब के बाद कर्नाटक ने भी बुधवार को किसान के फसल कर्ज माफ करने का ऐलान किया है।
केंद्र सरकार ने किसानों को फसल पर सस्ता कर्ज मुहैया कराने की योजना की अवधि चालू वित्तीय वर्ष के लिए बढ़ा दी है। साथ ही ब्याज वापसी की छूट की स्कीम को भी आगे जारी रखने का फैसला लिया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने होम लोन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। एसबीआई ने 75 लाख रुपये के होम लोन पर ब्याज दर में 0.10 फीसदी की कटौती की है। ये छूट 15 जून के बाद से लागू हो जाएंगी।
आल इंडिया किसान सभा का कहना है कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना के तहत घोटाला किया जा रहा है। सभा का कहना है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली को किसानों के बकाया दावो के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए।
भारतीय स्टेट बैंक ने होम लोन के ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती की है। एसबीआई ने होम लोन पर ब्याज की दरें 0.1 फीसदी से 0.25 फीसदी तक घटा दी है।अब होम लोन पर ब्याज दर 8.60 फीसदी से कम होकर 8.35 फीसदी हो गया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि वह कृषि कर्ज माफ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उनकी सरकार केन्द्र की सहायता से या, उसके बगैर ही किसानों को कर्ज से राहत देने के लिए जल्द ही तौर तरीके तलाशेगी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणवीस ने कहा है कि वह राज्य के वित्त सचिव को यूपी के किसान कर्ज माफी के मॉडल का अध्ययन करने का पहले ही निर्देश दे चुके हैं। हम लोग इस दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।