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माफ कीजिए नसीरुद्दीन साहब, हक़ीक़त से दूर हैं आप!

माफ कीजिए नसीरुद्दीन साहब, हक़ीक़त से दूर हैं आप!

हिंदुस्तान टाइम्स में “बीइंग मुस्लिम नाउ” सीरीज में छपा अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का लेख एक संपन्न मुसलमान की शेख़ी और भड़ास से ज़्यादा कुछ नहीं है।
जीएसटी पर मोदी सरकार को स्वामी की नसीहत, कहा- अभी लागू करना हो सकता है खतरनाक

जीएसटी पर मोदी सरकार को स्वामी की नसीहत, कहा- अभी लागू करना हो सकता है खतरनाक

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लेकर मोदी सरकार को नसीहत दी है। स्वामी ने इसकी तुलना वॉटरलू के युद्ध से की है। उन्होंने मोदी सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अभी के आर्थिक हालात को देखते हुए जीएसटी लागू करना खतरनाक साबित हो सकता है।
अर्णब गोस्‍वामी के खिलाफ टाइम्‍स ग्रुप ने दर्ज कराई कंटेंट चोरी की शिकायत

अर्णब गोस्‍वामी के खिलाफ टाइम्‍स ग्रुप ने दर्ज कराई कंटेंट चोरी की शिकायत

टाइम्‍स नाउ न्‍यूज चैनल चलाने वाली बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (बीसीसीएल) ने रि‍पब्लिक टीवी के अर्णब गोस्‍वामी पर कंटेंट चोरी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। बीसीसीएल ने अपने पूर्व सहयोगी गोस्‍वामी पर आरोप लगाया है कि उन्‍होंने हाल ही में प्रसारित लालू प्रसाद यादव और शशि थरुर की फोन रिकार्डिंग टाइम्‍स नाउ से चुराई है।
शहीदों के परिजनों को अब ऑनलाइन दान की मदद

शहीदों के परिजनों को अब ऑनलाइन दान की मदद

अर्द्धसैनिक बल के जवानों की शहादत के बाद उनके परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए अब ऑनलाइन दान दिया जा सकेगा। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित अक्षय कुमार रविवार को ‘भारत के वीर’ नामक पोर्टल और मोबाइल एप की शुरुआत करेंगे। अक्षय कुमार के सुझावों के बाद गृह मंत्रालय ने हाल ही में यह वेबसाइट और एप तैयार किया है। अक्षय ने सरकार को परामर्श दिया था कि सीमा या आंतरिक सुरक्षा में तैनाती के दौरान शहीद हुए सशस्त्र बल के जवानों का ऑनलाइन ब्यौरा सार्वजनिक होना चाहिए। जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति शहीद जवान के परिवार को मदद कर सके।
‘अब अनुशासित हो गया है फिल्म उद्योग’

‘अब अनुशासित हो गया है फिल्म उद्योग’

बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा माधुरी दीक्षित का कहना है कि हिंदी फिल्म उद्योग अब अधिक अनुशासित हो गया है। उन्होंने कहा कि अब फिल्में निर्धारित समय पर पूरी हो जाती हैं। इससे काम करने वाले लोग समय के पाबंद हो गए हैं।
राष्ट्रीय राजनीति में पहचान खो रही है माकपा

राष्ट्रीय राजनीति में पहचान खो रही है माकपा

केंद्र के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में कभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली माकपा अपनी कमजोर पड़ती ताकत के साथ अब अपने पूर्व के बड़े कद की छाया मात्र रह गयी है और असहाय होकर भाजपा के खिलाफ अपनी भूमिका तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के हाथों में जाते देख रही है।
बरखा का हमला : अर्नब पत्रकार होकर खुद मीडिया के दमन का कर रहे समर्थन

बरखा का हमला : अर्नब पत्रकार होकर खुद मीडिया के दमन का कर रहे समर्थन

टाइम्‍स नाउ में मंगलवार को प्रसारित हुए अर्नब गोस्‍वामी के शो में कश्मीर पर वार्ता में पाकिस्तान को शामिल करने का समर्थन करने को लेकर परिचर्चा की गई। इस शो में संपादक अर्नब गोस्‍वामी के मीडिया के प्रति नकारात्‍मक रवैये को लेकर एनडीटीवी की बरखा दत्‍त ने उन पर हमला बोला है।
वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

अभी टाइम्‍स नाऊ के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्‍वामी द्वारा लिए गए पीएम मोदी के इंटरव्यू पर बहस समाप्‍त ही नहीं हुई थी कि पीएम माेदी के एक और इंटरव्‍यू की चर्चा सोशल मीडिया में चर्चा का केंद्र बन गई है। यूएई में रहने वाले एक जर्नलिस्‍ट ने मोदी का इंटरव्यू लेने का अनुभव फेसबुक पर शेयर किया है। जिसमें उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी इंटरव्‍यू से पहले सवाल अपने पास मंगाते हैं।
सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दिया। जिस पर सोशल मीडिया में चर्चा जारी है। अधिकांश लोगों की राय है कि ज्‍वलंत मसलों पर टाइम्‍स नाउ के अर्नब गोस्‍वामी ने पीएम मोदी को अटैैक नहीं किया। लिहाजा यह इंटरव्‍यू भी एक खानापूर्ति ही साबि‍त होकर रह गया।
चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

मीडिया के कुछ लोगों को तो पूर्वाग्रही कहा जा सकता है और प्रतियोगी भाव कि प्रधानमंत्री ने अर्णब गोस्वामी को ही पहले इंटरव्यू के लिए क्यों चुना? हम जैसे पत्रकार मानते हैं कि यह अर्णब गोस्वामी की बड़ी सफलता है, जो प्रधानमंत्री को अपने चैनेल को इंटरव्यू के लिए तैयार कर सके। इसी तरह नरेंद्र मोदी ने भी पुराने ढर्रे को त्यागकर दूरदर्शन अथवा लोक सभा, राज्य सभा टी.वी. चैनलों के बजाय एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने का फैसला कर नया अध्याय जोड़ा। यूं उनकी सरकार दावा यही करती है कि प्रसार भारती के दूरदर्शन चैनल की पहुंच दूरदराज के गांवों सहित देश के हर कोने में है, जहां निजी अंग्रेजी चैनल तो क्या हिंदी चैनल की पहुंच भी नहीं है।
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