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राष्ट्रवाद की नई व्याख्या के दौर में नए सिरे से सोचने को मजबूर करती है 'राग देश'

राष्ट्रवाद की नई व्याख्या के दौर में नए सिरे से सोचने को मजबूर करती है 'राग देश'

फिल्म 'आजाद हिन्द फौज' के तीन जांबाज अफसरों के खिलाफ अंग्रेजों द्वारा लगाए देशद्रोह के मुकदमे के आसपास घूमती हुई देशद्रोह और देशभक्ति को बहुत सरल शब्दों में परिभाषित करती है।
इतिहास की परतें खोलती राग देश

इतिहास की परतें खोलती राग देश

निर्देशक तिग्मांशु धुलिया देशभक्ति में रंगी हुई राग देश लेकर हाजिर हुए हैं। विषय तो देशभक्ति है लेकिन उस दौर की जब उस पर राजनीति नहीं होती थी। फिल्म की कहानी 1945 की है।
यूपी विधानसभा: सुरक्षा चूक पर कांग्रेस का तंज, कहा- 'देश बदल रहा है'

यूपी विधानसभा: सुरक्षा चूक पर कांग्रेस का तंज, कहा- 'देश बदल रहा है'

उत्तर प्रदेश विधानसभा में बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है। गुरुवार को चेकिंग के दौरान डॉग स्कवॉयड को खतरनाक विस्फोटक मिला।
रागदेश फिल्म बताएगी क्या है देशभक्ति

रागदेश फिल्म बताएगी क्या है देशभक्ति

तीन सैनिक। एक हिंदू, एक मुसलमान और एक सिख। तीनों ब्रिटिश इंडियन आर्मी के अफसर दूसरे विश्व युद्ध में सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी जॉइन कर लेते हैं। तीनों आजाद हिंद के लिए जापानियों के साथ मिलकर इम्फाल और बर्मा में जंग लड़ते हैं। जंग के बाद तीनों पर ब्रिटिश सरकार राजद्रोह और हत्या का मुकदमा चलाती है।
अभिनय से ज्यादा ओशो का साथ पसंद आया था विनोद खन्ना को

अभिनय से ज्यादा ओशो का साथ पसंद आया था विनोद खन्ना को

उनकी अदा में दम था, अदाकारी में दम था फिर ऐसा क्या कम था कि विनोद खन्ना सुपर सितारा का दर्जा हासिल नहीं कर पाए। एक अच्छा अभिनेता क्या इसलिए संन्यासी हो गया या फिर संन्यासी होना इसके स्वभाव में था जो सब त्याग कर अपने करिअर की ऊंचाईयों को छोड़ कर आश्रम चल दिया।
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