मालदीव की सरकार ने आज देश में आपातकाल घोषित कर दिया। इससे सुरक्षा बलों को काफी शक्तियां हासिल हो गई हैं। देश की राजधानी के साथ ही एक रिसॉर्ट पर हथियार और विस्फोटक मिलने के बाद आपातकाल की घोषणा की गई।
देश में आपातकाल की घोषणा कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जितनी आलोचनाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके राजनीतिक दल की झेलीं, उतनी आलोचना शायद ही किसी और राजनीतिक दल ने की हो। लेकिन अब खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टीवी राजेश्वर की मानें तो संघ ने भी आपातकाल का समर्थन किया था और उस वक्त के संघ प्रमुख बालासाहेब देवरस ने इंदिरा गांधी से संपर्क साधने की भी कोशिश की थी।
भले ही सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने आईपीएल की दो टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया हो मगर आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला की मानें तो अगले साल दोनों ही टीमें आपको आईपीएल में खेलती दिखाई दे सकती हैं।
आईपीएल की दो बड़ी टीमों को दो साल के लिए खेल से बाहर करने और राज कुंद्रा और गुरुनाथ मयप्पन पर आजीवन प्रतिबंधन लगाने के फैसले के बाद बीसीसीआई में सन्नाटा छाया हुआ है। हालांकि एक बयान जारी कर बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कहा कि बोर्ड न्यायिक फैसलों का सम्मान करता आया है लेकिन प्रतिक्रिया व्यक्त करने से पहले पैनल की रिपोर्ट पर गौर करेगा। डालमिया ने कहा, पूरी रिपोर्ट पढने तथा सामूहिक फैसला लेने के बाद बोर्ड प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा।
बम की धमकी के बाद मंगलवार को बैंकॉक से इस्तांबुल जा रहे तुर्की एयरलाइंस के विमान की दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतररराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग कराई गई। सूत्रों ने बताया कि एयरबस 330 विमान दोपहर में करीब 1.41 बजे सुरक्षित उतरा।
भारत ने आईसीसी टेस्ट टीम रैंकिंग में चौथा स्थान बरकार रखा है लेकिन फिलहाल इस एशियाई टीम से एक अंक पीछे इंग्लैंड के पास आस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी एशेज शृंखला के दौरान आगे बढ़ने का मौका है।
प्रख्यात समाजवादी चिंतक, संपादक और कवि कमलेश का शनिवार सुबह दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्या के लिए अक्सर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।