आरएसएस के एक बड़े नेता ने गोरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा गया कि गोरक्षा को लेकर राजनीति करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे संघर्ष का रूप देना सामाजिक पाप है।
केरल में मंत्रियों और अधिकारियों ने हमेशा से दिए जा रहे उदाहरण को अपनाते हुए एक अच्छी कोशिश की ओर कदम बढ़ाया है। सरकारी स्कूल की जर्जर हालात को देखते हुए हमेशा से एक उदाहरण दिया जाता है कि अगर मंत्रियों और अधिकारियों के बच्चें सरकारी स्कूल में पढ़ने लग जाए तो हालात में तेजी से सुधार हो सकता है।
केरल की कोच्चि मेट्रो ने देश में एक सकारात्मक पहल करते हुए करीब 23 ट्रांसजेंडर कर्मचारी नियुक्त करने का फैसला लिया है। देश में पहली बार किसी सरकारी प्रतिष्ठान में ट्रांसजेंडरों को इस तरह नियुक्त किया जा रहा है।
अनिल माधव दवे, एक शौकिया पायलट, लेखक, पर्यावरणविद, नदी संरक्षणवादी, एक सांसद, पर्यावरण मंत्री और विभिन्न भूमिकाओं के लिए पहचाने जाते रहे हैं। संघ से ताल्लुक रखने वाले अनिल दवे को एक प्रखर प्रवक्ता के तौर पर जाना जाता था। पर्यावरणविद अनिल माधव दवे का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के बड़नगर गांव में 6 जुलाई 1956 को हुआ था।
देश के कुछ प्रमुख किसान संगठनों ने जीएम सरसों की वाणिज्यिक खेती की सिफारिश किए जाने पर विरोध जताया है। जीईएसी द्वारा जीएम सरसों को अनुमती मिलने के बाद किसान संगठनों ने पर्यावरण मंत्रालय से इसको मंजूरी नहीं देने की मांग की है।
देश में गोरक्षा के नाम पर हिंसा की हालिया घटनाओं को हवाला देते हुए प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बुधवार को कहा कि सरकार कानून बनाकर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे ताकि गोहत्या रोकने के बहाने की जाने वाली हिंसा पर रोक लग सके और समाज में भाईचारा एवं शांति बरकरार रहे।
एक ओर जहां महिलाओं की सुरक्षा और समानता को लेकर विभिन्न तरह की मुहिम चलाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने वाले कानूनों को ही रद्द कर दिया हैं। ट्रंप ने इन कानूनों को रद्द करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाए थे, जिनको ट्रंप ने खत्म कर दिया है।
गौरक्षा के नाम पर बढ़ती गुंडागर्दी और अलवर में गौवंश ले जाते व्यक्ति की हत्या के आरोपों के बीच राजस्थान से एक और खबर आई है। गौसेवा हेतु धन जुटाने के लिए राजस्थान सरकार ने 10 प्रतिशत सेस लगा दिया है। एक अप्रैल से यह सेस गैर-न्यायिक स्टाम्प पर सरचार्ज के तौर पर वसूला जाएगा।