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नोटबंदी का असर: केरल में दो हजार करोड़ रूपये के कर नुकसान की आशंका

नोटबंदी का असर: केरल में दो हजार करोड़ रूपये के कर नुकसान की आशंका

केरल में माकपा नीत एलडीएफ की सरकार ने आज कहा कि नोटबंदी के बाद नकदी की समस्या के कारण वाणिज्य और व्यवसाय में गिरावट आने से इस महीने दो हजार करोड़ रूपये के कर नुकसान की आशंका है।
इस्राइल के साथ साझेदारी मजबूत करने को आशान्वित है भारत: राष्ट्रपति

इस्राइल के साथ साझेदारी मजबूत करने को आशान्वित है भारत: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत आपसी लाभ के लिए इस्राइल के साथ साझेदारी बढ़ाने को उत्सुक है और दोनों देशों को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को गृह और साइबर सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों के विकास की जरूरत है जिनमें इस्राइल ने अपनी क्षमताएं साबित की हैं।
अखिलेश ने दिया विवादास्पद बयान, वैश्विक मंदी में कालेधन ने भारत को संभाला

अखिलेश ने दिया विवादास्पद बयान, वैश्विक मंदी में कालेधन ने भारत को संभाला

नोटबंदी को लेकर देश भर में जारी हलचल के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज एक विवादास्पद बयान दे दिया। अखिलेश ने दावा किया कि अर्थशास्त्रियों का मत है कि वैश्विक मंदी के दौर में काले धन ने भारतीय अर्थव्ययस्था को सहारा दिया था।
नोटबंदी का असर, शादी विवाह का मौसम बुरी तरह प्रभावित

नोटबंदी का असर, शादी विवाह का मौसम बुरी तरह प्रभावित

पांच सौ और हजार रूपये के बड़े नोटों के चलन से बाहर होने से फौरी तौर पर नकदी की भारी कमी हो जाने की वजह से शादी-विवाह का मौसम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वर्तमान हालात में कोई बड़ा उत्सव कर पाना काफी कठिन काम हो गया है।
सरदार पटेल द्वारा देशी रियासतों का एकीकरण बिस्मार्क से बड़ी उपलब्धि: पुस्तक

सरदार पटेल द्वारा देशी रियासतों का एकीकरण बिस्मार्क से बड़ी उपलब्धि: पुस्तक

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद स्वयं को स्वतंत्र मान लेने वाली 562 रियासतों का एकीकरण करके सरदार बल्लभाई पटेल ने जो उपलब्धि हासिल की थी वह वैश्विक इतिहास में ऐसी अद्वितीय घटना है जिसके समक्ष बिस्मार्क भी बौने साबित होंगे। यह टिप्पणी सरदार पटेल पर लिखी एक पुस्तक में की गई है।
अच्‍छे दिन कैसे आएंगे, भुखमरी पर भारत की हालत अभी भी चिंताजनक

अच्‍छे दिन कैसे आएंगे, भुखमरी पर भारत की हालत अभी भी चिंताजनक

खाद्य सुरक्षा पर किए गए तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद भुखमरी के मामले में भारत की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। इसे नापने वाले वैश्विक पैमाने 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' में भारत को 'चिंताजनक श्रेणी' में रखा गया है। 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' दुनिया भर के देशों में भुखमरी के हालात और इसके मुख्य कारणों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था 'इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट' की ओर से तैयार किया गया है।
'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

विश्‍व बैंक की रिपोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार के विकास के दावों पर गहरी चोट पहुंचाई है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि भारत कारोबार करने में आसान देशों की रैकिंग में 130 वें पायदान पर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में कारोबार करना कितना कठिन है। पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में हालांकि एक पायदान का सुधार हुआ है, लेकिन वो भी इसलिए क्योंकि विश्‍व बैंक ने भारत की पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 130 वें स्थान से 131वें स्थान पर कर दिया। इसे मानने की बजाय केंद्र की मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
कारोबार सुगमता पर विश्व बैंक की रैंकिंग से निर्मला सीतारमण निराश

कारोबार सुगमता पर विश्व बैंक की रैंकिंग से निर्मला सीतारमण निराश

भारत ने आज इस बात पर निराशा जताई कि विश्व बैंक ने कारोबार सुगमता रिपोर्ट में केंद्र और राज्यों द्वारा किए जा रहे प्रयासों और सुधारों के प्रभाव को शामिल नहीं किया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संवाददाताओं से कहा, मैं इससे कुछ निराश हूं।
लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता के मामले में पिछले साल की तुलना में 21 स्थानों की बढ़त हासिल करने के बावजूद भारत को वैश्विक स्तर पर बेहद पिछड़ा यानी 87वां स्थान मिला है। भारत को मिली बढ़त मुख्यत: शिक्षा में हुई प्रगति के कारण है। इस सूची में आइसलैंड शीर्ष पर है।
सोवियत विघटन का हवाला दे सीपीसी ने शी की सत्ता पर गहराती पकड़ को सही ठहराया

सोवियत विघटन का हवाला दे सीपीसी ने शी की सत्ता पर गहराती पकड़ को सही ठहराया

चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) ने सोवियत संघ के विघटन का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पार्टी पर गहरी होती पकड़ को उचित ठहराया है।
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