Advertisement

Search Result : "higher secondary examination"

बिहार: टाॅपर्स घोटाले का सरगना बच्चा राय गिरफ्तार

बिहार: टाॅपर्स घोटाले का सरगना बच्चा राय गिरफ्तार

बिहार इंटरमिडिएट परिक्षा के टॉपर घोटाले के कथित सरगना बच्चा राय को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। बच्चा राय वैशाली जिले के विवादित विशुन राय कॉलेज के सचिव सह प्राचार्य हैं। दो विवादित पर रुबी राय और सौरभ श्रेष्ठ इसी कॉलेज के छात्र हैं।
बिहार में टॉपरों के रिजल्‍ट रद्द, विष्‍णुदेव राय कॉलेज की मान्‍यता निलंबित

बिहार में टॉपरों के रिजल्‍ट रद्द, विष्‍णुदेव राय कॉलेज की मान्‍यता निलंबित

बिहार बोर्ड परीक्षा परिणाम में टॉपर्स विवाद के बाद विज्ञान संकाय के टॉपर सौरभ श्रेष्ठ और राहुल कुमार का परिणाम रद्द कर दिया गया है। बोर्ड ने विष्णुदेव राय कॉलेज की मान्यता भी निलंबित कर दी है। कला संकाय की टॉपर रूबी राय को फिर से टेस्ट देने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है।
मेडिकल जांच के लिए अस्पतालों का चक्कर लगाती रही मूक-बधिर बलात्कार पीड़िता

मेडिकल जांच के लिए अस्पतालों का चक्कर लगाती रही मूक-बधिर बलात्कार पीड़िता

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में कुछ दिनों पहले कथित रूप से बलात्कार की शिकार हुई एक मूक-बधिर महिला का पिछले छह दिनों में डाक्टरी परीक्षण केवल इसलिए नहीं किया जा सका क्योंकि सरकारी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं थी।
एआईपीएमटीः 4 हफ्ते में दोबारा परीक्षा असंभव, सीबीएसई ने मांगा समय

एआईपीएमटीः 4 हफ्ते में दोबारा परीक्षा असंभव, सीबीएसई ने मांगा समय

बड़े स्तर पर कदाचार के मद्देनजर रद्द किए गए ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट 2015 को पुन: आयोजित कराने के लिए और अधिक समय मांगने संबंधी सीबीएसई की याचिका पर सुनवाई करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है।
उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्च शिक्षा या शिक्षा मात्र विचारहीनता के संकट से गुजर रही है। अभी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सारे केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को फरमान जारी किया है कि वे चयन आधारित क्रेडिट व्यवस्था वाले पाठ्यक्रम 2015-16 से लागू करें। यह एक असाधारण आदेश है। विश्वविद्यालयों में क्या पढ़ाया जाएगा, क्या नहीं, यह तय करना आयोग के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है। फिर भी, न सिर्फ उसने यह हुक्म जारी किया है, बल्कि अपने वेबसाईट पर उसने अनेक विषयों के पाठ्यक्रम बनाकर लगा भी दिए हैं। विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे इन्हें तुरंत लागू करें। इनमें बीस प्रतिशत की हेर-फेर करने की छूट उन्हें है। यह अभूतपूर्व है और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में सीधा हस्तक्षेप है। मज़ा यह है कि आयोग यह नहीं बता रहा कि आखिर ये पाठ्यक्रम तैयार किन्होंने किए हैं! स्वाभाविक है कि उसके इस कदम का शिक्षकों की ओर से कड़ा विरोध हो रहा है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement