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किसी नई योजना के लिए अनिवार्य नहीं होगा आधार कार्ड

किसी नई योजना के लिए अनिवार्य नहीं होगा आधार कार्ड

आधार कार्ड अनिवार्य करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला देते हुए आधार कार्ड की अनिवार्यता पर रोक के अपने पहले के फैसले को बरकरार रखा है।
आधार कार्ड अनिवार्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

आधार कार्ड अनिवार्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने आधार कार्ड की अनिवार्यता पर बरकरार संशय को खत्म करते हुए आज व्यवस्था दी कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना में पंजीकरण के लिए एकत्र व्यक्तिगत बायोमेट्रिक आंकड़ों को साझा करने से भी प्राधिकारियों पर रोक लगा दी।
पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, योगेंद्र यादव रिहा

पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, योगेंद्र यादव रिहा

सोमवार रात योगेंद्र यादव और उनके स्वराज अभियान के साथियों की जंतर मंतर से की गई गिरफ्तारी की शैली पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने इस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोक कर गिरफ्तार करने और नाजायज तरीके से बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए देर तक बिलावजह हिरासत में रखने पर पुलिस पर सख्त टिप्पणी की।
आधार पर केंद्र के सवाल बड़ी पीठ को भेजें या नहीं, फैसला मंगल को

आधार पर केंद्र के सवाल बड़ी पीठ को भेजें या नहीं, फैसला मंगल को

उच्चतम न्यायालय ने सरकार की सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपने के केंद्र के आग्रह पर आज सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय इस पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि वह इस बारे में निर्णय करेगी कि केंद्र द्वारा उठाए गए सवालों को वृहद पीठ को भेजा जा सकता है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट की रोक से मृत्यु दंड पर बहस तेज

सुप्रीम कोर्ट की रोक से मृत्यु दंड पर बहस तेज

सर्वोच्च न्यायालय ने आज शबनम और उसके प्रेमी को दी गई फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही एक बार फिर मृत्य दंड पर बहस तेज हो गई है। इस बहस में में एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की नई रिपोर्ट –भारतः अंतःकरण के नाम पर मौत (इंडियाः डेथ इन द नेम ऑफ कॉन्सिएंस) ने नई रोशनी डाली है। इस रिपोर्ट ने समाज के विवेक या अंतःकरण के नाम पर दिए गए मृत्यु दंड के पीछे के विरोधाभास, कानूनी मानदंड़ों के ह्रास को बेबाकी से सामने रखा है।
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