अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि भारत में वर्ष 2014 के बाद नाटकीय रूप से घृणा अपराध, सामाजिक बहिष्कार और जबरन धर्मांतरण बढ़ गया है जिससे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों और दलितों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष आबिद रसूल खान ने कहा है कि विधि आयोग की ओर से समान नागरिक संहिता और एक साथ तीन तलाक के मुद्दों पर प्रश्नावली जारी करना मुसलमानों को राष्ट्र विरोधी घोषित करने की कोशिश है।