सब्जियों और चीनी के साथ खाद्य पदार्थों में दूध, अंडा, मांस, मछली तथा अन्य उत्पादों में धातुओं के दाम बढ़ने से जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 1.88 प्रतिशत पर पहुँच गयी।
एक ओर जहां किसान कृषि उत्पादों का उचित दाम नहीं मिल पाने की चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं, वहीं अब इसकी बानगी आंकड़ों में भी दिखाई देने लगीं हैं। मई माह में महंगाई दर 3.85 फीसदी के मुकाबले घटकर 2.17 फीसदी हो गई है। इस दौरान खाद्य एवं कृषि उत्पादों की महंगाई दर में भारी कमी दर्ज की गई है।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी दरों को कम करने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरें ज्यादा होने से देश में महंगाई और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा।
एसबीआई शोध रिपोर्ट इकोरेप के अनुसार रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के 4 से 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, लेकिन यह इससे कम रहेगा क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जुलाई तक 4 प्रतिशत के आंकड़े को शायद ही पार करे।
देश के सेवा क्षेत्र में मार्च में लगातार दूसरे महीने वृद्धि दर्ज की गई। अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ने और नये आर्डर मिलने के साथ साथ मुद्रास्फीति दबाव कम रहने से यह वृद्धि दर्ज की गई। एक मासिक सर्वेक्षण में यह परिणाम जारी किया गया है। इससे पहले पीएमआई के विनिर्माण क्षेत्र के सूचकांक में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई।