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सिंगूर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मुख्य बातें

सिंगूर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मुख्य बातें

दीर्घ 10 साल लग गए सिंगूर पर अदालत का अंतिम फैसला आने में। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ममता बनर्जी ने ऐतिहासिक बताया है। जस्टिस गोपाल गौड़ा और जस्टिस अरुण मिश्र की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में निर्देश दिया कि वहां के किसानों को 12 सप्ताह के भीतर जमीन लौटाई जाए। 10 सप्ताह के भीतर वहां की स्थिति की समीक्षा कर राज्य सरकार अदालत में रिपोर्ट दाखिल करे। वहां के जिन किसानों ने मुआवजा ले लिया था, उनसे मुआवजे की रकम वापस नहीं ली जा सकेगी। जिन किसानों ने मुआवजा नहीं लिया था, उन्हें जमीन लौटाने के साथ ही आज के बाजार दर पर मुआवजा भी दिया जाएगा। क्योंकि, 10 साल तक वे जमीन का इस्तेमाल नहीं कर सके। साथ ही वे मालिकाना से भी वंचित रहे।
सिंगूर में कार कारखाने के लिए जमीन अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहराया

सिंगूर में कार कारखाने के लिए जमीन अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहराया

सिंगूर में टाटा समूह के द्वारा कार कारखाना लगाने के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ठहरा दिया है। अदालत ने बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह सिंगूर की जमीन को अपने कब्जे में ले और किसानों को 12 हफ्तों के भीतर वापस कर दे।
ईरानी के फैसले को पलटा, आउटसोर्स नहीं होगा बुक फेयर का आयोजन

ईरानी के फैसले को पलटा, आउटसोर्स नहीं होगा बुक फेयर का आयोजन

देश के नए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्मृति ईरानी के फैसले को पलटते हुए नई दिल्ली इंटरनैशनल बुक फेयर के आयोजन को आउटसोर्स करने से इनकार कर दिया है। तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी ने इसे आउटसोर्स करने का फैसला किया था। तब मंत्रालय ने नैशनल बुक ट्रस्ट से एक प्राइवेट एजेंसी को प्रेजेंटेशन देने को भी कहा था।
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात नेता की मौत की सजा बरकरार रखी

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात नेता की मौत की सजा बरकरार रखी

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान किए गए युद्ध अपराधों के मामले में जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ नेता एवं प्रमुख वित्त पोषक मीर कासिम अली को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है।
पूर्व कोयला सचिव का दावा, तत्कालीन प्रधानमंत्री से कुछ नहीं छिपाया

पूर्व कोयला सचिव का दावा, तत्कालीन प्रधानमंत्री से कुछ नहीं छिपाया

पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता ने सोमवार को एक विशेष अदालत को बताया कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से कोई सूचना नहीं छिपाई थी। उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार भी मनमोहन सिंह के पास ही था। गुप्ता कोयला घोटाले के कई मामलों में आरोपी हैं।
पनडुब्बी बना रही कंपनी आस्ट्रेलियाई अदालत पहुंची

पनडुब्बी बना रही कंपनी आस्ट्रेलियाई अदालत पहुंची

भारत में स्कॉरपीयन पनडुब्बी निर्माण कर रही फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डीसीएनएस ने एक आस्ट्रेलियाई अदालत से संपर्क कर मांग की है कि `द आस्ट्रेलियन` को अपनी वेबसाइट से पनडुब्बी संबंधी डाटा हटाने और आगे ऐसे आंकडे प्रकाशित नहीं करने का निर्देश दिया जाए। इस वेबसाइट ने कंपनी के मुख्यालय से हैक कर हासिल किए गए 22,400 पेज के दस्तावेज जारी कर दिए हैं।
बैंकों ने कहा- माल्या ने जानबूझकर अपनी पूरी संपत्ति का खुलासा नहीं किया

बैंकों ने कहा- माल्या ने जानबूझकर अपनी पूरी संपत्ति का खुलासा नहीं किया

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि संकट में फंसे कारोबारी विजय माल्या ने जानबूझकर अपनी सभी संपत्तियों का खुलासा नहीं किया। माल्या ने फरवरी में उनको एक ब्रिटिश कंपनी से मिली 4 करोड़ डॉलर की राशि की जानकारी नहीं दी।
आजम खां की टिप्पणी पर न्यायालय ने लिया संज्ञान

आजम खां की टिप्पणी पर न्यायालय ने लिया संज्ञान

बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार मामले की जांच और सुनवाई उत्तर प्रदेश से बाहर करने की, उसकी पीड़ित के पिता की अपील पर संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार तथा उसके मंत्री आज़म खान को इस मामले में नोटिस जारी किया।
हिरासत के खिलाफ अर्जी पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

हिरासत के खिलाफ अर्जी पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

एक मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी, हिरासत या कैद की वैधता से संबंधित बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर तुरंत ध्यान देने के साथ ही उस पर अविलंब निर्णय के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
बांबे कोर्ट ने दिया हाजी अली दरगाह में महिलाओं को प्रवेश, चादर भी चढ़ा सकेंगी

बांबे कोर्ट ने दिया हाजी अली दरगाह में महिलाओं को प्रवेश, चादर भी चढ़ा सकेंगी

मुंबई की हाजी अली दरगाह में अब महिलाओं को भी प्रवेश मिल सकेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसलेे में दरगाह ट्रस्ट की ओर से दरगाह के भीतरी गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को अनावश्‍यक माना और उस पर लगा प्रतिबंध हटा दिया। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब महिलाएं दरगाह में चादर चढ़ा सकेंगी।
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