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पाटीदार नेता निखिल सवानी ने 15 दिन में छोड़ी पार्टी, कहा- 'भाजपा सिर्फ लॉलीपॉप देती है'

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गुजरात की राजनीति में नाटकीय घटनाक्रमों की बाढ़ सी आ गई है। अब 15 दिन पहले भाजपा में शामिल हुए हार्दिक के...
अच्छा नहीं ‘गा’ पाए तो हुई हत्या, गांव छोड़ चुके मुस्लिम परिवारों को अब 'रोटी' के लाले

अच्छा नहीं ‘गा’ पाए तो हुई हत्या, गांव छोड़ चुके मुस्लिम परिवारों को अब 'रोटी' के लाले

राजस्थान के जैसलमेर जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए अस्थाई शिविर में रह रहे 20 मुस्लिम परिवार के लगभग 150 लोग...
आर्थिक मोर्चे पर सावधान!

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा दोनों के लिए आर्थिक मुद्दों और रोजगार के संकट को हल करने की...
डीयू छात्र संघ चुनाव के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी एबीवीपी को झटका, सभी पदों पर हारी

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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में दो अहम पदों पर हार के बाद अब हैदराबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटी...
महाराष्ट्र के पूर्व CM नारायण राणे ने कांग्रेस छोड़ा, बोले- ‘अब पार्टी को पता चलेगा मेरा महत्व’

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महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता...
फर्जी घोषित किए जाने से गुस्साए आसाराम बोले- ‘मैं गधा हूं संत नहीं’

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यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल की सजा काट रहे आसाराम उस समय अपना आपा खो बैठे, जब पूछा गया कि आप संत हो या कथावाचक की श्रेणी में आते हो।
जेएनयू छात्र संघ चुनाव: लाल, भगवा और नीले में किसकी बढ़ेगी चमक, जानिए अहम बातें

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जेएनयू में वामपंथ को न मानने वालों के बीच एक ज़ुमला खासा मशहूर है कि देश भर के लेफ्टिस्टों को एक पिंजरे में बंद करने के लिए इंदिरा गाँधी ने जेएनयू बनाया। जेएनयू ही वो जगह है जहाँ (1969 से 2016 तक एक उदाहरण को छोड़कर जब 2001 में एबीवीपी के संदीप महापात्र कुछ वोटों से जीत गए थे) चुनाव दर चुनाव वामपंथ अपना किला सलामत रख सका है।
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