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भारतीय खेल इतिहास पर किताब

भारतीय खेल इतिहास पर किताब

सिंगापुर विश्वविद्यालय के थिंक टैंक माने जाने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया स्टडीज के वरिष्ठ शोधार्थी रोनोनंजय सेन ने नेशन एट प्ले : ए हिस्ट्री ऑफ स्पोर्ट इन इंडिया नाम एक किताब लिखी है।
चर्चाः ड्रीम गर्ल की ‘ड्रीम जमीन’ | आलोक मेहता

चर्चाः ड्रीम गर्ल की ‘ड्रीम जमीन’ | आलोक मेहता

सपनों की रानी के भी सपने हो सकते हैं। सपनों में महल, चांद-सूरज, कोहिनूर हीरे सहित स्वर्ण माला, हाथी, घोड़े-पालकी, दरबार, संगीत-नृत्य होना स्वाभाविक है। आधुनिक भारत में रूपहले पर्दे की सफल अभिनेत्री हेमा मालिनी किसी भी पूर्ववर्ती महारानियों से अधिक लोकप्रिय रही हैं। अभिनय के साथ मंच पर भी हेमा मालिनी की नृत्य-नाटिका आज भी लोगों के मुग्ध करती हैं।
बुकर जीत जमैका  के मार्लोन जेम्स ने रचा इतिहास

बुकर जीत जमैका के मार्लोन जेम्स ने रचा इतिहास

जमैका के लेखक मार्लोन जेम्स को उनकी किताब 'ए ब्रीफ हिस्टी ऑफ सेवन किलिंग्स' के लिए वर्ष 2015 का प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार प्रदान किया गया है। जमैका के साहित्यिक इतिहास में पहली बार किसी साहित्यकार ने यह पुरस्कार जीता है।
भारत में डिस्कवरी का 20वां जन्मदिन

भारत में डिस्कवरी का 20वां जन्मदिन

भारत में अपने 20 साल पूरे होने के अवसर पर डिस्कवरी चैनल ने देश की कुछ बेहतरीन कहानियों समेत अपने कुछ सबसे शानदार कार्यक्रमों को विशेष रूप से प्रदर्शित करने की योजना बनाई है।
बांके बिहारी के बजाय अफसरों की सेवा

बांके बिहारी के बजाय अफसरों की सेवा

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर की प्रबंध समिति ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और 75 अन्य अधिकारियों को मंदिर प्रांगण में भोजन कराने के मामले में मंदिर के पुजारियों पर साढ़े सात लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
सिनेमा का इतिहास और वर्तमान

सिनेमा का इतिहास और वर्तमान

हिंदी में सिनेमा के इतिहास पर सबसे नई पुस्तक है - समय, सिनेमा और इतिहास। हिंदी सिनेमा के सौ साल पूरे होने पर जश्न तो कई हुए, अखबारों, पत्रिकाओं में कई अहम विशेषांक भी निकले लेकिन पुस्तक के रूप में बॉलीवुड के इतिहास को नए तरीके से समेटने का काम कम हुआ। कुछ देर से ही सही, लेकिन संजीव श्रीवास्तव की यह पुस्तक इस मायने में काफी सराहनीय है। पुस्तक में शामिल सौ साल से अधिक के हिंदी सिनेमा की बड़ी तस्वीरें, व्यक्ति और समाज की अनुभूति और अभिव्यक्ति की बहुरंगी भाव-भंगिमाओं को विविघता से संजोए हुए हैं। यहां व्यावसायिकता की चकाचौंध है, तो कला की प्रांजलता भी। बाजार के दबाव और समझौते की कहानियां हैं तो प्रतिबद सामाजिक सरोकार के नजीर भी हैं।
जिन्‍होंने देश काे लूटा, उनके अच्‍छे दिन नहीं: मोदी

जिन्‍होंने देश काे लूटा, उनके अच्‍छे दिन नहीं: मोदी

अपने एक साल के काम का हिसाब देते हुए नरेंद्र मोदी ने काहा कि जिन्‍होंने देश को लूटा है, जिनके बुरे दिन आए हैं, वही हल्ला कर रहे हैं। उनकी सरकार ने 365 दिनों में इतने काम किए हैं कि गिनाने जाएं तो 365 घंटे भी कम पड़ जाएंगे।
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