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चर्चा : कश्मीर पर मीडिया का संयम जरूरी। आलोक मेहता

चर्चा : कश्मीर पर मीडिया का संयम जरूरी। आलोक मेहता

कश्मीर में हिजबुल के खूंखार आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा और बिगड़ी स्थिति चिंताजनक है। ऐसी हालत में एक बार फिर मीडिया सवालों के घेरे में है। निश्चित रूप से स्वतंत्र मीडिया दुनिया भर को तथ्य पहुंचाता है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे लोकतांत्रिक देशों की समस्याएं, आतंकवादी घटनाएं और हिंसा की समस्याएं भारत से भिन्न हैं।
चर्चाः सोशल बनाम एंटी सोशल मीडिया| आलोक मेहता

चर्चाः सोशल बनाम एंटी सोशल मीडिया| आलोक मेहता

महिला और बाल विकास मं­त्री मेनका गांधी ने सोशल मीडिया में महिलाओं के प्रति अपमानजनक अभद्र टिप्पणी करने और धमकी देने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की है। सबसे बड़ा संकट यह है कि सोशल मीडिया के ‘ट्विटर’ जैसे माध्यम में संदेश के नाम पर अपराध करने वालों की सही नाम और पतों को खोजना असंभव सा है।
मंत्रिमंडल विस्‍तार पर मीडिया बोला : पहले होती थी लॉबिंग, अाजकल हो रहा नामिनेशन

मंत्रिमंडल विस्‍तार पर मीडिया बोला : पहले होती थी लॉबिंग, अाजकल हो रहा नामिनेशन

मंगलवार को नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट का विस्तार किया। यह विस्‍तार और बदलाव पूरी तरह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने किया है। पार्टी के अन्‍य सूत्रों का इसमें ज्‍यादा दखल और हस्‍तक्षेप नहीं हुआ। इस मंत्रिमंडल को नरेंद्र मोदी और अमित शाह का स्टैंप कहा जा सकता है ।
स्वामी बाज नहीं आएंगे, अब कहा प्रेस्टीट्यूट्स मीडिया बनाता है मनगढ़त कहानियां

स्वामी बाज नहीं आएंगे, अब कहा प्रेस्टीट्यूट्स मीडिया बनाता है मनगढ़त कहानियां

भाजपा के सांसद सुब्रमणियम स्वामी टिप्‍पणी करने से बाज नहीं आएंगे। देश के आर्थिक विशेषज्ञों और राजनीतिक हस्तियों पर वार करने के बाद अब उन्होंने मीडिया पर भी हमला बोला है। स्‍वामी नेे ट्वीट में कहा है प्रेस्टीट्यूट्स हर रोज जान बूझकर झूठी कहानियां बनाते हैं और यह उम्मीद करते हैं कि मैं उनके उकसावे में आकर जवाब दूंगा।
सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दिया। जिस पर सोशल मीडिया में चर्चा जारी है। अधिकांश लोगों की राय है कि ज्‍वलंत मसलों पर टाइम्‍स नाउ के अर्नब गोस्‍वामी ने पीएम मोदी को अटैैक नहीं किया। लिहाजा यह इंटरव्‍यू भी एक खानापूर्ति ही साबि‍त होकर रह गया।
दिमाग को आराम देने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं कर्मचारी

दिमाग को आराम देने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं कर्मचारी

अधिकारियों और नियोक्ताओं के लिए ये खबर अहम है कि अगर आप किसी कर्मचारी को कार्यालय में सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए देखते हैं तो झल्लाने की जरूरत नहीं है क्योंकि संभव है कि अपने दिमाग को आराम देने के लिए वह सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा हो।
महाराष्ट्र: सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भाजपा-शिवसेना में तनाव

महाराष्ट्र: सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भाजपा-शिवसेना में तनाव

अगले साल निर्धारित मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना नेतृत्व को गलत ढंग से पेश करती सोशल मीडिया पोस्टों के वायरल होने से भाजपा और शिवसेना के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि सोशल मीडिया पर ये पोस्ट भाजपा के खिलाफ शिवसेना की टीका-टिप्पणियों के जवाब में डाली गई हैं।
क्षेत्रीय भाषाओं में पत्रकारिता पढ़ाएगा आईआईएमसी

क्षेत्रीय भाषाओं में पत्रकारिता पढ़ाएगा आईआईएमसी

क्षेत्रीय मीडिया की प्रगति के मद्देनजर प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) मलयालम और मराठी सहित क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रहा है। संस्थान ने डिजिटल मीडिया के विस्तार को ध्यान में रखते हुए अपने दिल्ली परिसर में एक न्यू मीडिया एंड आईटी विभाग भी स्थापित किया है।
अफ्रीकियों पर हमला: वी के सिंह बोले, मीडिया ने मामूली झड़प को बढ़ा कर दिखाया

अफ्रीकियों पर हमला: वी के सिंह बोले, मीडिया ने मामूली झड़प को बढ़ा कर दिखाया

केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में अफ्रीकी नागरिकों पर हुए हमले मामूली झड़प थे जिसे मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। हालांकि इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की। जिसके बाद राजनाथ सिंह ने दिल्ली पुलिस को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वहीं पुलिस ने राजधानी में अफ्रीकियों पर हुए ताजा हमलों के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार करने के साथ चार अन्य को हिरासत में लिया है।
आंखो-देखी - दो साल के जलसे में आम आदमी की इंट्री न थी

आंखो-देखी - दो साल के जलसे में आम आदमी की इंट्री न थी

नागरिकों के पैसे से हुए इस भव्य आयोजन की चकाचौंध भले ही जितनी टीवी स्क्रीन पर जगमग हो, लेकिन आम दिल्ली वासी, आम नागरिक और सामान्य मीडिया की पहुंच से रहा सारा आयोजन बाहर
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