लंबे इंतजार के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटबंदी का पूरा हिसाब-किताब पेश किया। लेकिन इन आंकड़ों ने नोटबंदी के दावों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
रबीआई पर नोटबंदी के व्यापक असर को देखते हुए सिर्फ एक फीसदी नोटों का बैंकों में वापस न आना चौकाने वाला आंकड़ा है। इससे नोटबंदी के औचित्य पर ही सवाल खड़े होने लगे हैैं।
मीडियाकर्मी ने बताया, "हमलोग कर्फ्यू में ढील देने के बाद लोगों के विज़ुअल्स बना रहे थे। कि तभी डेरा सच्चा सौदा आश्रम के बाहर खड़े लोगों ने पत्थर और लाठी से हमलोगों पर हमला कर दिया। हमारा कैमरा और लाइव यू भी छीन ले गया। साथ ही गाड़ी में तोड़-फोड़ भी की।"
एक तरफ तो यह नीतियां किसान को कर्जदार बनाती है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों को कम समर्थन मूल्य और खुले बाजार को ताकत देकर किसानों को ऐसी स्थिति में पंहुचाती है, जहां वे ब्याज तो छोड़िये, मूलधन भी चुकाने की स्थिति में नहीं रह जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने काम को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं, लेकिन इस बार वह अपने काम नहीं बल्कि लापता होने को लेकर चर्चा में बने हुए हैं।