किसान कर्ज माफी मामले के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश सुर्खियों में आ गया है। इस बार प्रदेश के चर्चा में बने रहने की वजह कोई और नहीं बल्कि सरकारी मंडियों में बदइंतजामी का आलम है।
जन सरोकारसे जुड़कर रचने जनने की परंपरा को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अक्टूबर 2012 की 12 तारीख से शुरू साहित्यिक संस्था हुत की रचना पाठ श्रृंखला कल्वे कबीर के नाम से सोशल मीडिया में चर्चित कवि कृष्ण कल्पित के कविता पाठ के साथ 34 वां पायदान पार कर गई।
गायिका मुबारक बेगम के जाने की ख़बर आयी तो दिल बैठ गया। मेरा उनसे करीब दस साल पुराना नाता रहा है। ज़माने ने वो हक़ मुबारक बेगम को कभी नहीं दिया जिसकी वो हक़दार थीं। मुबारक बेगम को ज्याकदातर बस फिल्मय ‘हमारी याद आयेगी’ के गाने ‘कभी तन्हाोईयों में यूं हमारी याद आयेगी/ अंधेरे छा रहे होंगे कि बिजली कौंध जायेगी’...के ज़रिये याद कर लिया जाता है। या फिर ‘मुझको अपने गले लगा लो ऐ मेरे हमराही’ (फिल्मं हमराही)। लेकिन मुबारक बेगम ‘वन सॉन्गा वंडर’ नहीं थीं।
कभी तनहाइयों में हमारी याद आएगी...सन 1961 का सबसे बड़ा हिट रोमांटिक गाना था। इसे गाया था, मुबारक बेगम ने। अस्सी की उम्र में मुबारक बेगम इस दुनिया को अलविदा कह गईं। उनके पीछे तनहाईयों में अब बस उनकी याद है।