500 और 1000 रुपए की नोटबंदी के बाद छपे नए नोटों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के देखने की दिशा में बदलाव हुआ है। पुराने नोटों में बापू जहां वाम दिशा की ओर देख रहे हैं वहीं नए नोटों में बापू की नजर दक्षिण दिशा की ओर है। यह कहा जा सकता है कि नए नोटों में बापू वाम से दक्षिणमुखी हो गए हैं।
मोम की मूर्तियों के लिए दुनिया भर के दर्शकों को आकर्षित करने वाला मैडम तुसाद का संग्रहालय अब भारत में भी होगा। यह संग्रहालय देश की राजधानी नई दिल्ली के हृदय स्थल कनॉट प्लेस में खुलेगा और इससे पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दल बड़े नोटों को अमान्य करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ कल लोकसभा में कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। इस निर्णय से देश भर में लोगों को हो रही परेशानियों को मुद्दा बनाते हुए विपक्ष की सरकार को जबर्दस्त तरीके से घेरने की योजना है।
कल से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी ने आज बैठक कर अपनी रणनीति पर चर्चा की। संभावना है कि पार्टी विमुद्रीकरण तथा अन्य मुद्दों को लेकर दोनों सदनों में सरकार को जबर्दस्त तरीके से घेरेगी।
संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से अारंभ हो रहा है। संसद में गहमागहमी रहेगी यह तय है। सत्र से पहले नोटबंदी के अलावा सरकार के एक और फैसले ने चौंका दिया है। सत्र प्रारंभ होने से पहले लोकसभा सचिवालय ने मीडियाकर्मियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक मीडियाकर्मियों से कहा गया है कि संसद परिसर में मंत्रियों और सांसदों के अलावा किसी अन्य नेताओं के इंटरव्यू नहीं लिए जाएंगे।
आगामी 16 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले लोगों की असुविधा का कारण बने नोटबंदी सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की संयुक्त रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस और सात अन्य विपक्षी पार्टियों ने आज बैठक की।
संसद के 16 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों और किराये की कोख के नियमन संबंधी विधेयक सहित नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे। संसद में पेश होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े तीन विधेयकों में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान का मुआवजा) विधेयक शामिल हैं।
भ्रष्टाचार पर काम करने वाली संस्था टांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया में भारतीय शाखा के प्रमुख रमानाथ झा ने कहा कि दरअसल भारत में अभी भी नकदी से ही लेन-देन करने की मानसिकता है। अभी यहां के लोग प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल के अभ्यस्त नहीं हैं। बैकिंग प्रणाली से जोड़ने और बैकिंग जागरूकता के बगैर अचानक किये गये इस निर्णय से परेशान करने वाले परिणाम तो सामने आने ही हैं।