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नोटबंदी से पेटीएम की बल्ले बल्ले, दैनिक खरीद का आंकड़ा 120 करोड़ रुपये पहुंचा

नोटबंदी से पेटीएम की बल्ले बल्ले, दैनिक खरीद का आंकड़ा 120 करोड़ रुपये पहुंचा

नोटबंदी के बाद लोगों के गैर-नकदी लेन-देन की ओर रूख करने के चलते डिजिटल मोबाइल भुगतान सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी पेटीएम से रोजाना 70 लाख सौदे होने लगे हैं जिनका मूल्य करीब 120 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
नोटबंदी की परेशानी : मायावती ने कहा, मोदी सरकार के बुरे दिन दूर नहीं

नोटबंदी की परेशानी : मायावती ने कहा, मोदी सरकार के बुरे दिन दूर नहीं

बसपा सुप्रीमो मायावती ने 500 और 1000 रूपये के नोट बंद करने के केन्द्र सरकार के कदम को तानाशाही और अहंकार से भरा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश के करोड़ों गरीबों और मेहनतकशों को इससे पीड़ा हो रही है और जब सरकार इस पीड़ा को समझ ना पाये तो उसके बुरे दिन दूर नहीं।
भारत में 1.2 अरब लोगों पर है जीका का खतरा

भारत में 1.2 अरब लोगों पर है जीका का खतरा

वैज्ञानिकोंं ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अकेले भारत में 1.2 अरब की आबादी ज़ीका के खतरे वाले इलाके में रह रही है। उन्होंने कहा है कि ज़ीका अफ्रीका, एशिया और प्रशांत के क्षेत्राें में नए सिरे से अपने पैर जमा सकता है, जहां दुनिया की एक तिहाई से ज्यादा आबादी यानी कम से कम 2.6 अरब लोग रहते हैं।
महाराष्‍ट्र के स्‍थानीय चुनाव में औंधे मुंह गिरेगी भाजपा,आने वाले हैं 'बुरे दिन'

महाराष्‍ट्र के स्‍थानीय चुनाव में औंधे मुंह गिरेगी भाजपा,आने वाले हैं 'बुरे दिन'

महाराष्‍ट्र के स्‍थानीय निकाय नगरपालिका, नगरपरिषद और महानगरपालिका के चुनाव में भाजपा के हारने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में मराठवाड़ा में शिवसेना के और पश्चिम महाराष्ट्र में राकांपा के जीतने का आकलन व्‍यक्‍त किया गया है। महाराष्‍ट्र सीआईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर के दलित, मुस्लिम व अन्य पिछड़ा वर्ग, जो करीब 35 से 40 प्रतिशत हैं, वह भाजपा को वोट नहीं देंंगेे।
अच्‍छे दिन : पिछले दो साल में महंगाई की दर छह फीसदी से आगे निकल गई

अच्‍छे दिन : पिछले दो साल में महंगाई की दर छह फीसदी से आगे निकल गई

महंगाई से अभी कोई राहत मिलने की उम्‍मीद नहीं है। मानसून उम्मीद के मुताबिक बेहतर रहा है लेकिन आर्थिक विशेषज्ञों ने महंगाई में कमी नहीं होने का आकलन लगाया है।
बरखा का हमला : अर्नब पत्रकार होकर खुद मीडिया के दमन का कर रहे समर्थन

बरखा का हमला : अर्नब पत्रकार होकर खुद मीडिया के दमन का कर रहे समर्थन

टाइम्‍स नाउ में मंगलवार को प्रसारित हुए अर्नब गोस्‍वामी के शो में कश्मीर पर वार्ता में पाकिस्तान को शामिल करने का समर्थन करने को लेकर परिचर्चा की गई। इस शो में संपादक अर्नब गोस्‍वामी के मीडिया के प्रति नकारात्‍मक रवैये को लेकर एनडीटीवी की बरखा दत्‍त ने उन पर हमला बोला है।
वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

अभी टाइम्‍स नाऊ के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्‍वामी द्वारा लिए गए पीएम मोदी के इंटरव्यू पर बहस समाप्‍त ही नहीं हुई थी कि पीएम माेदी के एक और इंटरव्‍यू की चर्चा सोशल मीडिया में चर्चा का केंद्र बन गई है। यूएई में रहने वाले एक जर्नलिस्‍ट ने मोदी का इंटरव्यू लेने का अनुभव फेसबुक पर शेयर किया है। जिसमें उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी इंटरव्‍यू से पहले सवाल अपने पास मंगाते हैं।
सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दिया। जिस पर सोशल मीडिया में चर्चा जारी है। अधिकांश लोगों की राय है कि ज्‍वलंत मसलों पर टाइम्‍स नाउ के अर्नब गोस्‍वामी ने पीएम मोदी को अटैैक नहीं किया। लिहाजा यह इंटरव्‍यू भी एक खानापूर्ति ही साबि‍त होकर रह गया।
चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

मीडिया के कुछ लोगों को तो पूर्वाग्रही कहा जा सकता है और प्रतियोगी भाव कि प्रधानमंत्री ने अर्णब गोस्वामी को ही पहले इंटरव्यू के लिए क्यों चुना? हम जैसे पत्रकार मानते हैं कि यह अर्णब गोस्वामी की बड़ी सफलता है, जो प्रधानमंत्री को अपने चैनेल को इंटरव्यू के लिए तैयार कर सके। इसी तरह नरेंद्र मोदी ने भी पुराने ढर्रे को त्यागकर दूरदर्शन अथवा लोक सभा, राज्य सभा टी.वी. चैनलों के बजाय एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने का फैसला कर नया अध्याय जोड़ा। यूं उनकी सरकार दावा यही करती है कि प्रसार भारती के दूरदर्शन चैनल की पहुंच दूरदराज के गांवों सहित देश के हर कोने में है, जहां निजी अंग्रेजी चैनल तो क्या हिंदी चैनल की पहुंच भी नहीं है।