अमेरिका ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की तर्ज पर पाकिस्तान के साथ असैन्य परमाणु समझौता करने से साफ इनकार कर दिया है और कहा है कि इस बारे में कोई वार्ता नहीं हुई है।
ईरान के साथ ऐतिहासिक परमाणु करार के प्रभाव में आने के साथ ही अमेरिका और यूरोप ने ईरान पर लगे व्यापार प्रतिबंधों को हटाने की तैयारियां शुरू कर दी है। इन प्रतिबंधों के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई है। वियना में जुलाई में हुए समझौते का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अनुमोदन किए जाने के 90 दिनों बाद प्रतिबंध हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
इस महीने के अंत में होने वाली प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमेरिका यात्रा से पहले अमेरिका पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और डिलीवरी सिस्टम की नई सीमाएं तय करने से जुड़े एक समझौते पर बातचीत कर रहा है। यह समझौता भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु संधि जैसा समझौता हो सकता है।
थाईलैंड की राजधानी सेंट्रल बैंकाक में बम धमाके से 27 लोगों की मौत हो गई जबकि 117 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। धमाके के बाद पूरे थाइलैंड में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। यह धमाका एक धार्मिक स्थल के पास हुआ। थाइलैंड के पुलिस प्रमुख ने बताया कि यह बम धमाका था। जांच के बाद ही अन्य तथ्यों का खुलासा हो सकेगा।
अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर उस वक्त अफरा तफरी का माहौल बन गया जब फोन पर बम होने की सूचना आई। सूचना मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां तुरंत सतर्क हो गईं। हालांकि बाद में यह सूचना गलत साबित हुई।
याकूब की फांसी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आधी रात के बाद हुई ऐतिहासिक सुनवाई खत्म। गुरूवार की सुबह याकूब की फांसी को कुछ दिनों के लिए रुकवाने की कुछ वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की याचिका खारिज हो गई। अब इसके बाद कुछ ही घंटों में याकूब को फांसी लगना तय है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार की देर रात याकूब मेमन की दया याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रपति भवन से याचिका खारिज होने के बाद फांसी की सजा से बचने के सारे दरवाजे उसके लिए बंद हो चुके हैं। याकूब को गुरुवार की सुबह नागपुर में फांसी लगना अब लगभग तय है। हालांकि उसके वकीलों समेत देश के कई जाने माने वकीलों ने बुधवार की देर रात एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उधर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद नागपुर में याकूब की मृत्यु वारंट पर अमल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। आखिरी कोशिश के तहत प्रशांत भूषण समेत कई वकीलों ने चीफ जस्टिस से मिलने का समय मांगा।