जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकता को मजबूत बनाए रखने में कुछ हद तक चूकी कांग्रेस अब फिर से विपक्षी दलों को एकजुट करने में लग गई है। अब विपक्षी दलों ने गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा के राष्ट्रपति पद के लिए दलित कार्ड खेलने के बाद विपक्षी दलों ने अपना रूख साफ करना शुरू कर दिया है। बसपा का कहना है कि अगर कोई दलित उम्मीदवार मैदान में नहीं आता है तो वह रामनाथ कोविंद का समर्थन कर सकती है।