घरों के शौचालयों और रसोईघर से निकलने वाले जैविक अपशिष्टयुक्त घरेलू कचरे ऊर्जा का एक स्रोत सिद्ध हो सकते हैं और वैज्ञानिकों ने कहा है कि भूखे बैक्टीरिया का इस्तेमाल कर इससे ऊर्जा पैदा की जा सकती है।
भ्रष्टाचार पर काम करने वाली संस्था टांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया में भारतीय शाखा के प्रमुख रमानाथ झा ने कहा कि दरअसल भारत में अभी भी नकदी से ही लेन-देन करने की मानसिकता है। अभी यहां के लोग प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल के अभ्यस्त नहीं हैं। बैकिंग प्रणाली से जोड़ने और बैकिंग जागरूकता के बगैर अचानक किये गये इस निर्णय से परेशान करने वाले परिणाम तो सामने आने ही हैं।